AGR Case: SC ने सरकारी टेलीकॉम कंपनियों का 4 लाख करोड़ रुपए का बकाया खत्म किया

supreme court agr case : सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR)मामले पर सुनवाई हुई जिसमें सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिली है. देश की शीर्ष अदालत ने सार्वजनिक उपक्रमों से चार लाख करोड़ रूपए की दूरसंचार विभाग की एजीआर मांग पर सवाल उठाये. साथ ही कोर्ट ने दूरसंचार विभाग से कहा कि एजीआर मामले में उसके फैसले की गलत व्याख्या की गयी है क्योंकि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मामले पर विचार नहीं किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2020 2:34 PM

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR)मामले पर सुनवाई हुई जिसमें सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिली है. देश की शीर्ष अदालत ने सार्वजनिक उपक्रमों से चार लाख करोड़ रूपए की दूरसंचार विभाग की एजीआर मांग पर सवाल उठाये. साथ ही कोर्ट ने दूरसंचार विभाग से कहा कि एजीआर मामले में उसके फैसले की गलत व्याख्या की गयी है क्योंकि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के मामले पर विचार नहीं किया था.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मिश्रा, एस अब्दुल नाजीर और एमआर शाह ने कहा कि दूरसंचार विभाग को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की बकाया राशि की मांग वापस लेने पर विचार करना होगा. कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर बकाये के रूप में चार लाख करोड़ रूपए की दूरसंचार विभाग की मांग पूरी तरह से अनुचित है.

दूरसंचार विभाग ने कोर्ट से कहा कि वह एक हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट करेगा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से एजीआर की मांग क्यों की गयी है. मनी कंट्रौल के मुताबिक, बेंच को यह भी फैसला लेना है कि टेलीकॉम कंपनियों को 1.43 लाख करोड़ रुपए का एजीआर बकाया चुकाने के लिए 20 साल का वक्त दिया जाए या नहीं. अगर कोर्ट यह फैसला लेता है तो टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी.

एकमुश्त बकाया रकम चुकाने से टेलीकॉम कंपनियों की बैलेंस शीट पर दबाव पड़ेगा. मार्च में लॉकडाउन शुरू होने से पहले टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कंपनियों को एजीआर का बकाया चुकाने के लिए 20 साल का वक्त दिया जाए

Posted By: Utpal kant

Next Article

Exit mobile version