Supreme Court News: देश के शीर्ष अदालत ने सोमवार को बिहार में एक निचली अदालत द्वारा हत्या के एक मामले में सभी गवाहों से जिरह कराये बगैर आरोपी को बरी कर दिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे बहुत स्तब्ध कर देने वाला बताया. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि जिसमें आरोपी को बरी करने वाले निचली अदालत के एक आदेश को निरस्त कर दिया गया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि इसने उसकी अंतरात्मा को झकझोर कर दिया है कि बिहार में इस तरह की चीज हो रही है.
पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अवकाश पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के जुलाई 2018 के फैसले में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं है. पीठ ने कहा कि क्या यह आपकी अंतरात्मा को नहीं झकझोरता? कम से कम, इसने मेरी अंतरात्मा को तो झकझोर दिया कि बिहार जैसे राज्य में क्या हो रहा है. यह स्त्ब्ध कर देने वाला है. यह बहुत ही दुभार्ग्यपूर्ण है.
पीठ ने कहा कि हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत दायर विशेष अनुमति याचिका स्वीकार करने को इच्छुक नहीं है और यह खारिज की जाती है. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह इस बारे में पूरी तरह से संतुष्ट है कि न्याय किया गया है और वह अनुच्छेद 136 के तहत हस्तक्षेप नहीं करेगा. हाई कोर्ट ने मामले में बेगुसराय की एक निचली अदालत के जुलाई 2015 के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर निर्णय सुनाया था. निचली अदालत ने मामले में कई आरोपियों को बरी कर दिया था.