Central Vista project : सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा को अपनी मंजूरी दे दी है. कोर्ट की मंजूरी के बाद संसद भवन की नयी इमारत के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है. आज सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय से कहा कि वह भविष्य की परियोजवनाओं में स्मॉग टावर लगाये, खासकर वहां जहां प्रदूषण गंभीर मसला बना हुआ है.
जस्टिस खानविलकर ने खुद की तथा न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की ओर से यह फैसला लिखा जिसमें सेंट्रल विस्टा परियोजना के प्रस्तावक को सभी निर्माण स्थलों पर स्मॉग टॉवर लगाने और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गयीं थीं और पर्यावरण सहित कई अन्य नियमों का उल्लंघन किये जाने का हवाला देते हुए परियोजना को रोकने की मांग की गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बहुमत से फैसला सुनाते हुए सेंट्रल विस्टा परियोजना की खातिर पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरकरार रखा. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2-1 के बहुमत के फैसले में कहा कि परियोजना के लिए जो पर्यावरण मंजूरी दी गई है तथा भूमि उपयोग में परिवर्तन के लिए जो अधिसूचना जारी की गई है वे वैध हैं.
अनेक याचिकाओं पर शीर्ष अदालत का यह फैसला आया है जिनमें परियोजना को दी गई विभिन्न मंजूरियों पर आपत्ति जताई गई है, इनमें पर्यावरण मंजूरी दिए जाने और भूमि उपयोग के बदलाव की मंजूरी देने का भी विरोध किया गया है. इनमें से एक याचिका कार्यकर्ता राजीव सूरी की भी है.
क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना
सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी. इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नये संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसका निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा होना है. उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा
Posted By : Rajneesh Anand