देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने के एक दिन बाद सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली प्रदूषण की एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जनहित याचिका दायर की थी. बेंच ने इस संबंध में याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या पराली जलाने पर रोक लगाने से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा.
सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान जस्टिस ने याचिकाकर्ता से पूछा कि, क्या पराली जलाने पर रोक लगाने से वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने में मदद मिल सकेगी? अगर ऐसा है, तो क्या बेंच को इसपर रोक लगा देनी चाहिए? बेंच ने आगे कहा, हम पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों पर रोक नहीं लगा सकते है. दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए कुछ उचित समाधान सोचने कि जरूरत है.
वकील और चायिकाकर्ता शशांक शेखर झा ने वायु प्रदूषण को लेकर बेंच को बताया कि दिल्ली में वायु की गुणवता काफी खराब है. उन्होंने, दिल्ली के स्कूलों और सरकारी तथा निजी कार्यालयों को ऑनलाइन काम करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया है. झा ने कोर्ट से कहा, दिल्ली मेें हर साल वायु प्रदूषण की समस्या आती है. इससे दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के क्षेत्र धूएं और धुंध की चादर से ढके होते हैं, जिससे आम लोगों की जिवन का काफी खतरा हो सकता है.
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गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर में नवंबर के पहले सप्ताह से ही वायु प्रदूषण के कारण लोग परेशान हैं. हालांकि पिछले दो दिनों से हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को भी मिली है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने आज की जानकारी देते हुए बताया कि सुबह 9 बजे तक वायु की गुणवत्ता 282 पर रहा. वहीं, दिल्ली में हल्की बारिश होने से वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखी जा सकती है.