Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से लिए गए अपने फैसले में नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, जो असम में प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करती है. भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता पर सहमति जताई. न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला ने अल्पमत का अपना फैसला सुनाते हुए असहमति जताई और नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए को असंवैधानिक करार दिया.
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1971 तक की समय सीमा सही : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की पीठ ने 4:1 के बहुमत से तीन फैसले सुनाए और नागरिकता कानून की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी. कोर्ट के बहुमत के फैसले में कहा गया कि असम में प्रवेश और नागरिकता प्रदान करने के लिए 25 मार्च, 1971 तक की समय सीमा सही है.
नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी राज्य में विभिन्न जातीय समूहों की उपस्थिति का मतलब अनुच्छेद 29(1) का उल्लंघन कदापि नहीं है.
(इनपुट पीटीआई)