ST/SC Reservation: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, एससी/एसटी श्रेणियों को सब-कैटेगरी में दिया जा सकता है आरक्षण
Supreme Court decision on SC/ST Reservation: एससी/एसटी श्रेणियों को सब-कैटेगरी में आरक्षण दिया जा सकता है. जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मुद्दे पर फैसला सुनाना शुरू किया कि क्या राज्यों को नौकरियों और दाखिलों में आरक्षण के लिए एससी, एसटी में सब-कैटेगरी करने का अधिकार है? कोट्र ने 6:1 के बहुमत से व्यवस्था दी कि राज्यों के पास आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में सब-कैटेगरी करने की शक्तियां हैं. कोटा के लिए एससी, एसटी में सब-कैटेगरी का आधार राज्यों द्वारा मानकों एवं आंकड़ों के आधार पर उचित ठहराया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने ईवी चिन्नैया मामले में 2004 के फैसले को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि सब-कैटेगरी की अनुमति नहीं है क्योंकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति सजातीय वर्ग बनाते हैं. कोटे के न्यायमूर्ति बी आर गवई ने अलग दिए फैसले में कहा कि राज्यों को एससी, एसटी में क्रीमी लेयर की पहचान करनी चाहिए और उन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर करना चाहिए.
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डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा
सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले में 6 ने सहमति जताई हैं. जस्टिस बेला त्रिवेदी ने असहमति जताई है. सीजेआई ने कहा कि हममें से अधिकांश ने ईवी चिन्नैया के फैसले को खारिज कर दिया है. हम मानते हैं कि सब-कैटेगरी की अनुमति है.