भारत के प्रधान न्यायधीश (Chief Justice of India) उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने तीन हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने की अनुशंसा की है. कॉलेजियम ने शुक्रवार को अलग-अलग बयान जारी किया है. कॉलेजियम ने अपने बयान में ओड़िशा, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश के लिए अनुशंसा की है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ओड़िशा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल का स्थानांतरण कर उन्हें क्रमश मद्रास हाई कोर्ट और राजस्थान हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाने की अनुशंसा की है. वहीं, हाई कोर्ट के तीन अन्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण के संबंध में अलग से एक बयान जारी किया गया है. बता दें कि न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल भी इस कॉलेजियम के सदस्य हैं.
कॉलेजियम ने अपने बयान में तीन हाई कोर्ट के न्यायाधीशों को ओड़िशा, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने की अनुशंसा की है. न्यायमूर्ति जसवंत सिंह को उड़ीसा हाई कोर्ट, न्यायमूर्ति पी. बी. वरले को कर्नाटक हाई कोर्ट और न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मगरे को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है.
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कॉलेजियम प्रणाली सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए काम करता है. न्यायाधीशों की नियुक्ति संसद के अधिनियम या संविधान के प्रावधान के द्वारा न होकर कॉलेजियम द्वारा किया जाता है. कॉलेजियम के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होते हैं. बता दें कि कॉलेजियम सिस्टम को लेकर आए दिन सवाल खड़े होते हैं. कई लोग इसे सही, तो कई लोग कॉलेजियम प्रणाली के विरोध में अपना पक्ष रखते हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)