Supreme Court News : क्रिमिनल केस के आरोपी सोशल मीडिया का यूज कर सकेंगे या नहीं? सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
supreme court news, criminal cases, crime news, social media : सुप्रीम कोर्ट ने शु्क्रवार को कहा कि अदालत द्वारा किसी व्यक्ति को जमानत देते हुये लगायी गयी शर्तों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर वह विचार करेगा. जमानत की शर्तों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का मुद्दा शीर्ष अदालत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 20 मई के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के दौरान सामने आया.
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शु्क्रवार को कहा कि अदालत द्वारा किसी व्यक्ति को जमानत देते हुये लगायी गयी शर्तों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर वह विचार करेगा. जमानत की शर्तों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का मुद्दा शीर्ष अदालत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 20 मई के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के दौरान सामने आया. सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
इस मामले में अदालत ने कथित देशद्रोह के मामले में आरोपी को जमानत देते हुये यह शर्त लगायी थी कि मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिसए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठा. पीठ इस मुद्दे पर विचार करने के लिये सहमत हो गयी और उसने इस अपील पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा.
इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने टिप्पणी की कि अगर सोशल मीडिया पर भागीदारी कर व्यक्ति कोई शरारत करता है तो अदालत ऐसा कह सकती है कि उसे इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस पर अपीलकर्ता के वकील ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सोशल मीडिया से संबंधित कोई आरोप नहीं था. इस अपील में यह सवाल भी उठाया गया है कि क्या अपीलकर्ता को सोशल मीडिया के इस्तेमाल से रोकना संविधान में प्रदत्त उसके अधिकारों से वंचित करना है.
हाई कोर्ट ने 20 मई को आरोपी को जमानत पर रिहा करते हुये अपने आदेश में यह शर्त लगायी थी कि इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा। हालांकि, अदालत ने बाद में एक जून को अपने आदेश में संशोधन कर, सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने की अवधि 18 महीने या फिर मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक, इनमें से जो भी पहले हो, सीमित कर दिया था.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra