इटली के मरीन की गोलीबारी में केरल के मछुआरों की हुई मौत के बाद अब मुआवजे की रकम को लेकर सुप्रीम कोर्ड आज फैसला करने वाला है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर भी फैसला होगा कि भारत में यह केस बंद होगा या इसपर सुनवाई जारी रहेगी. गौरतलब है कि इटली ने भारत से अपील की थी कि वो केस को बंद कर दें, आरोपियों पर इटली में क्रिमिनल केस के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
इटली ने जमा की मुआवजे की रकमः गौरतलब है कि, इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि इटली सरकार ने 10 करोड मुआवजे की राशि दे दी है. जिसे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करा दिया गया है. बता दें, भारत में केस बंद करने पर एपेक्स कोर्ट ने कहा था कि भारत में केस तबतक बंद नहीं किया जाएगा जबतक इटली सरकार की ओर से मुआवजे की रकम नहीं चुकाई जाती.
किसको मिलेगा कितना मुआवजाः मुआवजे की राशि के बंटवारे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर बताया गया है कि गोलीबारी में मारे गये मछुआरों के परिजनों को 4-4 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा जहाज मालिक को भी जुर्माने के तौर पर दो करोड़ रुपए दिए जाएंगे. एसजी का कहना है जिनकों पैसे देना उनके नाम से पैसे बैंक में जा करा दिए जाएंगे. जिसे पीड़ित अपनी सुविधानुसार निकाल सकते हैं.
कई उतार चढ़ावे के बाद हुआ फैसलाः गौरतलब है कि, इस मामले को नौ साल हो चुके हैं. गोलीबारी के बाद इटली को मरीन कर्मियों को भारत ने गिरफ्तार किया. फिर उन्हें इटली भेज दिया गया. इसके बाद इटली सरकार ने आरोपियों को लौटाने से इनकार कर दिया. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत कार्रवाई के बाद कहीं जाकर मुआवजे की राशि मिली है.
क्या था मामलाः गौरतलब है कि, 15 फरवरी 2012 को मिस्र जा रहे ऑयल टैंकर एनरिका लेक्सी में सवार इटली मरीन के जवानों ने केरल के दो मछुआरे जेलेस्टाइन और अजीश पिंकू को गहरे समुद्र में गोली मार दी. मरीन को शक था कि ये लोग समुद्री लुटेरे हैं. जब इंडियन कोस्ट को इसकी जानकारी मिली तो तुरंत कार्वाई की गई औऱ केरल पुलिस ने दोनों इतालवी नौसैनिकों को गिरफ़्तार कर लिया. उसी समय से कोर्ट में मामले चलने लगा.
Posted by: Pritish Sahay