आर्टिकल 370 पर ‘सुप्रीम’ फैसले से पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने 5 लोगों पर किया केस दर्ज
अनुच्छेद 370 पर आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला होने वाला है. जम्मू कश्मीर से 370 को हटाना सही है या गलत इस पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. लेकिन, इस फैसले से पहले पुलिस ने इलाके में कार्रवाई की है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है.
Supreme Court On Article 370: अनुच्छेद 370 पर आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला होने वाला है. जम्मू कश्मीर से 370 को हटाना सही है या गलत इस पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. लेकिन, इस फैसले से पहले पुलिस ने इलाके में कार्रवाई की है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है और पिछले दो दिनों में भड़काऊ पोस्ट अपलोड करने या अफवाहें फैलाने के लिए पांच लोगों पर मामला दर्ज किया है. पुलिस ने जहां उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में एक कथित अफवाह फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की, वहीं मध्य कश्मीर के बडगाम और गांदरबल जिलों में दो-दो लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई.
जानें क्या है मामला
एक पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि बारामूला पुलिस ने ‘अफवाह फैलाने वालों’ के खिलाफ कार्रवाई की और एक कथित ‘भड़काने वाले पोस्ट’ के खिलाफ मामला दर्ज किया. पुलिस के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बयान दिया और कहा, ‘बारामूला पुलिस ने जिले के वानी मोहल्ला बलिहारन पट्टन निवासी अली मोहम्मद वानी के बेटे बिलाल अहमद वानी नामक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है. यह कार्रवाई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके द्वारा भड़काऊ और देशद्रोही बयानों वाले घृणित वीडियो अपलोड करने के बाद किया गया है.
अफवाह फैलाने के आरोप में दो व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई
इसी तरह, बडगाम पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में दो व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की, पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी दी कि गांदरबल जिले में, पुलिस ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घृणित सामग्री अपलोड करने और साझा करने के लिए दो व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है. एक पुलिस बयान में कहा गया कि सफापोरा निवासी वसीम मुश्ताक मलिक और नुन्नर, गांदरबल निवासी आदिल अहमद राथर को सोशल मीडिया पर भड़काऊ मटेरियल फैलाने में शामिल पाया गया. जिला मजिस्ट्रेट के हाल ही में जारी आदेश के तहत, दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है.
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दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती!
साथ ही पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहने की अपील की है. बयान में कहा गया, “माहौल खराब करने और सार्वजनिक व्यवस्था के मुद्दे पैदा करने के किसी भी प्रयास को गंभीरता से लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.” सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस द्वारा पिछले दो हफ्तों में बिना सत्यापन के आतंकवादी प्रचार या समाचार साझा करने के खिलाफ चेतावनी देने के बाद की गई है, जो कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले से पहले की कार्रवाई है, जो सोमवार को उन याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी. जानकारी हो कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती दी गई है.
पुलिस ने विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुश्तैद
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बारामूला आमोद अशोक नागपुरे ने जानकारी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया या समूहों पर किसी भी आतंकवादी संगठन से संबंधित किसी भी पोस्ट को साझा करने, आतंकवाद या सांप्रदायिक कटुता को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी, कानून एवं व्यवस्था) विजय कुमार ने शुक्रवार को कश्मीर संभाग के सभी जिला मजिस्ट्रेटों और एसएसएसपी की एक संयुक्त बैठक की अध्यक्षता की, जहां अधिकारियों ने सभी अपेक्षित उभरती स्थितियों के संबंध में फील्ड-जनरेटेड इनपुट साझा किए.