Loading election data...

‘इस वक्त नहीं लगा सकते रोक’, Election Commissioner की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह फैसला सुनाया. साथ ही पीठ ने नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि आमतौर पर, हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते है.

By Aditya kumar | March 21, 2024 2:01 PM
an image

Election Commissioner : चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति मामले सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई जिसके बाद जजों की पीठ ने कहा है कि अभी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक नहीं लगाई जा सकती है क्योंकि चुनाव के तारीख निकल चुके है और ऐसे रोक लगाने से अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है. कोर्ट ने कहा है कि निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति वाले कानून का अध्ययन करेंगे, लेकिन इस समय हम अंतरिम राहत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि चुनाव नजदीक हैं.

Election Commissioner – ‘हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते’

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह फैसला सुनाया. साथ ही पीठ ने नियुक्तियों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि आमतौर पर, हम अंतरिम आदेश के माध्यम से किसी कानून पर रोक नहीं लगाते है. साथ ही पीठ ने यह भी कहा है कि नए चुने गए दोनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ किसी तरह का कोई आरोप नहीं है, जिन्हें नए कानून के तहत चयन पैनल में बदलाव के बाद चुना गया है.

‘सुविधा का संतुलन बनना बहुत ज्यादा जरूरी’

जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा है कि आप यह नहीं कह सकते कि चुनाव आयोग कार्यपालिका के अधीन है. साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक है इसलिए सुविधा का संतुलन बनना बहुत ही ज्यादा जरूरी है. जानकारी हो कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023, पिछले साल संसद द्वारा पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई थी.

CJI की जगह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री

नियुक्ति के लिए एक समिति का गठन किया गया जिसमें एक भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक सेंट्रल कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया. साथ ही समिति में अब प्रधानमंत्री, एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता हैं. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने नियुक्ति प्रक्रिया में गलतियों की ओर संकेत करते हुए कहा है कि 14 फरवरी की रिटायर हुए एक निर्वाचन आयुक्त की रिक्ति नौ मार्च को दिखाई, उसी दिन दूसरी रिक्ति भी दिखाई.

Exit mobile version