नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मुंबई के जुहू क्षेत्र में सोनू सूद के आवास में कथित अवैध निर्माण को नियमित करने के बॉलीवुड अभिनेता के आग्रह पर विचार और निर्णय करें. इसके साथ ही, सूद ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी वह याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने अपने आवास में कथित अवैध निर्माण से संबंधित अपना मामला खारिज किए जाने के बंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए मौखिक रूप से कहा कि नियमितीकरण के आवेदन पर निकाय अधिकारियों द्वारा कोई फैसला किए जाने तक सूद के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाए.
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ को सूद की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सूचित किया कि वह शीर्ष अदालत से अपनी याचिका वापस लेंगे. रोहतगी ने कहा कि उन्होंने अभिनेता को याचिका वापस लेने की सलाह दी है और इसकी जगह वह यह छूट चाहेंगे कि नगर निकाय नियमितीकरण के उनके आवेदन पर निर्णय करे.
पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई में कहा कि श्री रोहतगी की यह अच्छी सलाह है. यह पूरी तरह सही सलाह है, जो प्राय: नहीं होती है. अधिकारी आवेदन पर कानून के अनुसार निर्णय करें. शीर्ष अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि नियमितीकरण के आवेदन पर निकाय अधिकारियों द्वारा कोई फैसला किए जाने तक सूद के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जा सकता.
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि हम संबंधित अधिकारियों को उक्त आवेदन पर कानून के अनुसार गुण-दोष के आधार पर विचार करने और निर्णय करने का निर्देश देते हैं. तदनुसार विशेष अनुमति याचिका और दीवानी वाद…वापस लिए जाने के साथ खारिज किए जाते हैं.
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Posted By : Vishwat Sen