NEET 12 सितंबर को ही होगी, नहीं टाली जाएगी डेट, सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई परीक्षा में देरी की मांग
Supreme Court , NEET UG Exam 2021: सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा 2021 को स्थगित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की.
NEET-UG 2021: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को नीट-यूजी 2021(NEET-UG 2021) परीक्षा को पुनर्निर्धारित करने या स्थगित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आदेश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. इस मामले में अधिवक्ता सुमंत नुकाला (Advocate Sumanth Nookala) ने याचिक दायर की थी. याचिका के माध्यम से उन्होंने 12 सितंबर, रविवार को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET)-स्नातक परीक्षा के 13 जुलाई के सार्वजनिक नोटिस को ‘स्पष्ट रूप से मनमाना’ और ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के उल्लंघन’ के रूप में रद्द करने की मांग की थी.
Supreme Court declines to entertain a petition seeking orders to relevant authorities for rescheduling or deferring the NEET UG- 2021 exam pic.twitter.com/RWLGtc2eRg
— ANI (@ANI) September 6, 2021
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया था कि चल रही बोर्ड / अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के तुरंत बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा को एक उपयुक्त तिथि पर स्थानांतरित करने के लिए एक निर्देश जारी किया जा सकता है. जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar), जस्टिस हृषिकेश रॉय (Justice Hrishikesh Roy) और जस्टिस सीटी रविकुमार (Justice CT Ravikumar) की तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की.
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3 सितंबर को, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील द्वारा किए गए सबमिशन पर सुनवाई के बाद तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था, आपकी शिकायत है कि अन्य परीक्षाएं शुरू होंगी और आपका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा. दावा की गई राहत अनावश्यक है क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि आपको पेश होने की अनुमति दी जाएगी.
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एनटीए ने 12 सितंबर को परीक्षा आयोजित करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि परिणामों की गैर-घोषणा (सीबीएसई निजी, कम्पार्टमेंट और बारहवीं कक्षा के लिए पत्राचार परीक्षा) मेडिकल उम्मीदवारों को नहीं रोकेगी. एनईईटी-यूजी परीक्षा लिखने से लेकर काउंसलिंग के दौरान ही परिणाम की आवश्यकता होती है.
बता दें, पिछले साल भी इसी तरह की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर की गई थी, लेकिन उसे अदालत ने खारिज कर दिया था. अदालत का कहना था कि छात्रों के कीमती वर्ष बर्बाद नहीं किए जा सकते. जीवन को आगे बढ़ना है.
Posted by: Achyut Kumar