सुप्रीम कोर्ट ने PM CARES Fund के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court ) ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Lockdown) से निबटने के लिये ‘पीएम केयर्स कोष' ( PM CARES Fund ) बनाने के सरकार के फैसले को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी.
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court ) ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Lockdown) से निबटने के लिये ‘पीएम केयर्स कोष’ ( PM CARES Fund ) बनाने के सरकार के फैसले को निरस्त करने के खिलाफ दायर याचिका सोमवार को खारिज कर दी.
प्रधान न्यायीधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडर की तीन सदस्यीय पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी.
पीठ ने कहा कि यह याचिका मिथ्या तथ्यों पर आधारित है. पीठ याचिकाकर्ता शर्मा की इन दलीलों से सहमत नहीं थी कि इस कोष की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 266 और 267 में प्रदत्त योजनाओं का अनुसरण किये बगैर ही की गयी है.
केन्द्र ने 28 मार्च को कोविड-19 जैसी महामारी फैलने और इससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने हेतु आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स कोष) की स्थापना की थी. प्रधानमंत्री इस कोष के पदेन अध्यक्ष हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री इसके पदेन ट्रस्टी हैं.
शर्मा ने अपनी जनहित याचिका में कहा कि पीएम केयर्स फंड की स्थापना के बारे में अध्यादेश और राजपत्र में इसकी अधिसूचना प्रकाशित हुये बगैर ही 28 मार्च को प्रेस विज्ञप्ति जारी होने, कोविड- 19 महामारी का मुकाबला करने और भावी स्वास्थ सुविधाओं के लिये प्रधानमंत्री की लोगों से इस ट्रस्ट में दान देने की अपील करने के साथ यह मुद्दा उठा.
याचिका में इस कोष के सभी ट्रस्टियों के साथ ही प्रधानमंत्री को भी पक्षकार बनाया गया था. याचिका में इस कोष को मिला सारा दान भारत के समेकित कोष में स्थानांतरित करने का निर्देश देने के साथ ही इस कोष की स्थापना की जांच न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल से कराने का अनुरोध किया गया था.