Loading election data...

गुजरात दंगा 2002: सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की चुनौती याचिका खारिज की, जानिए क्या है पूरा मामला

गुजरात में फरवरी 2002 में गोधरा कांड के बाद दंगा भड़क उठा था. इस दौरान दंगाइयों के हाथ कांग्रेस के नेता एवं तत्कालीन सांसद एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी. सांसद की पत्नी ने नौकरशाही की विफलता और मामले में पुलिस की मिलीभगत के आरोप के साथ 64 आरोपियों के क्लीन चिट पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2022 1:33 PM

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 के बाद हुए दंगा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह समेत करीब 64 लोगों को एसआईटी (विशेष जांच टीम) की ओर से दिए गए क्लीन चिट मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है. वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगे के दौरान कांग्रेस के सांसद एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी.

जाकिया ने बड़ी साजिश का लगाया था आरोप

जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की एक पीठ ने मामले को बंद करने संबंधी 2012 में सौंपी गई एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के विशेष मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा. सर्वोच्च अदालत ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि जाफरी की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. जकिया ने 2002 के गुजरात दंगों में एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया था.

28 फरवरी 2002 को एहसान जाफरी की हुई थी हत्या

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता एवं सांसद एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे. इससे एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे. इन घटनाओं के बाद ही गुजरात में दंगे भड़क गए थे. जाकिया जाफरी ने एसआईटी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को मामले में दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी थी. जकिया ने उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2017 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था.

Also Read: गुजरात दंगा: नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट, नानावटी कमीशन की रिपोर्ट में कही गयी ये बात
जाकिया ने नौकरशाही की निष्क्रियता पर उठाए सवाल

सर्वोच्च अदालत ने पिछले साल नौ दिसंबर को याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एसआईटी ने कहा था कि जाकिया के अलावा किसी ने भी 2002 दंगे मामले में हुई जांच पर सवाल नहीं उठाए हैं. इससे पहले जाकिया के वकील ने कहा था कि 2006 मामले में उनकी शिकायत है कि एक बड़ी साजिश रची गई, जिसमें नौकरशाही की निष्क्रियता और पुलिस की मिलीभगत थी और अभद्र भाषा एवं हिंसा को बढ़ावा दिया गया.

Next Article

Exit mobile version