यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की अगली सुनवाई अब 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी. आज की सुनवाई में यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि, कोर्ट में एक स्टेट्स रिपोर्ट फाइल की गई है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, हमने कल देर रात तक रिपोर्ट दायर किए जाने का इंतजार किया. लेकिन रिपोर्ट अब सौंपी जा रही है. एक दिन पहले रिपोर्ट क्यों नहीं सौंपी गई. सीजेआई ने कहा कि, इतनी देर से रिपोर्ट सौंपेंगे तो हम इसे कैसे पढ़ेंगे. इसपर यूपी सरकार ने कोर्ट से शुक्रवार तक के समय की मांग की.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि, सभी गवाहों के बयान 164 में दर्ज क्यों नहीं किए गये. सिर्फ चार गवाहों के बयान ही इसमें दर्ज हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में बाकी चश्मदीदों के बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करने को कहा है.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार के रवैये पर सवाल भी उठाये थे. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि केस दर्ज होने के बाद भी पुलिस आशीष मिश्रा क्यों नहीं गिरफ्तार किया.
क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: बता दे तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. जिससे चार किसानों की मौत हो गई थी.इसके बाद इलाके में हिंसा भड़क गई और एक पत्रकार समेत चार लोगों की जान चली गई.
किसान संगठनों का आरोप था कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया उस गाड़ी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा भी थे. इस मामले के बाद क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा के पूछताछ के लिए बुलाया तो वो नहीं आये. उसके एक दिन बाद वो पूछताछ केलिए हाजिर हुए. अभी वो पुलिस की गिरफ्त में हैं.
Posted by: Pritish Sahay