Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति विवाद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. निजी संपत्ति विवाद मामले में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी निजी प्रॉपर्टी समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं. ऐसे में कुछ निजी प्रॉपर्टी समुदाय के भौतिक संसाधन हो सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 1978 का फैसला पलटा
निजी संपत्ति विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट का यह निर्यण 1978 से लेकर अभी तक के हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया था कि सामुदायिक हित के लिए राज्य किसी भी निजी प्रॉपर्टी का अधिग्रहण कर सकती है यानी उसे ले सकती है.
संविधान के आर्टिकल 39(b) का अवलोकन करते हुए सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने 7-2 के बहुमत से फैसला दिया. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा इस बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस एससी शर्मा, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस राजेश बिंदल और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की एक मत राय थी कि हर संपत्ति का अधिग्रहण राज्य नहीं कर सकता. वहीं बेंच में शामिल जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस बीवी नागरत्ना की राय इनसे अलग थी.