Loading election data...

सुप्रीम कोर्ट का सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस, 4 हफ्ते में मांगा जवाब, जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले दोनों राज्य सरकार, केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. बता दें कि एक जनहित याचिका जिसमें इस बात का जिक्र है कि चुनाव के पहले सरकारों के द्वारा मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल करता है.

By Aditya kumar | October 6, 2023 1:49 PM

Supreme Court Notice : सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले दोनों राज्य सरकार, केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. बता दें कि एक जनहित याचिका जिसमें इस बात का जिक्र है कि चुनाव के पहले सरकारों के द्वारा मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल करता है. करदाताओं के खर्च पर नकदी और अन्य मुफ्त वस्तुओं के कथित वितरण पर एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार और भारत के चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों और चुनाव पैनल से चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.

अपडेट जारी है…

जानें क्या है आरोप ?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले प्रलोभन वाले योजनाओं की घोषणा और मुफ्त की चीजों को जनता के पैसों से बांटने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर दोनों राज्य की सरकारों, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा.

भारतीय रिजर्व बैंक को भी नोटिस किया जारी

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका पर केंद्र, निर्वाचन आयोग तथा भारतीय रिजर्व बैंक को भी नोटिस जारी किया है. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों राज्य की सरकारें मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग कर रही हैं.

Also Read: पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभुकों को दोहरी खुशी! RBI ने किया ये फैसला, पढ़ें डिटेल ‘नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता’

याचिकाकर्ता की पैरवी करने वाले वकील ने कहा, ‘चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता. हर बार यह होता है और इसका बोझ आखिरकार करदाताओं पर आता है.’ खंडपीठ ने कहा, ‘नोटिस जारी करिए. चार सप्ताह के भीतर जवाब दीजिए.’ न्यायालय ने भट्टूलाल जैन की जनहित याचिका पर सुनवाई की और इसे मामले पर लंबित एक अन्य याचिका के साथ नत्थी करने का आदेश दिया.

Next Article

Exit mobile version