पेगासस पर ममता सरकार को SC से नोटिस, जांच आयोग गठन पर मांगा जवाब, 25 अगस्त को अगली सुनवाई

ममता सरकार के पेगासस विवाद की जांच के लिए गठित आयोग को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2021 1:41 PM
an image

पेगागस विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को नोटिस जारी किया है. ममता सरकार के पेगासस विवाद की जांच के लिए गठित आयोग को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. याचिका में सवाल किया गया था विवाद की सुनवाई खुद सुप्रीम कोर्ट कर रहा है तो ममता बनर्जी सरकार ने जांच आयोग क्यों गठित किया है?

Also Read: मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त मोर्चा का ‘गठन’, 20 अगस्त को सोनिया गांधी की बैठक, ममता भी होंगी शामिल!

पिछले दिनों पेगासस जासूसी कांड को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा हुआ था. इस मामले में ममता बनर्जी सरकार ने 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन लोकुर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था. राज्य सरकार के जांच आयोग में कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जज भी शामिल हैं. आयोग पश्चिम बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग की जांच करेगा.

बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार के जांच आयोग पर रोक नहीं लगाई है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राष्ट्रीय स्तर पर कथित फोन हैकिंग की जांच की मांग की गई है. पेगासस जासूस मामले में सुप्रीम कोर्ट SIT की जांच वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा हैं. याचिका में जिक्र किया गया है कि इस मामले में गंभीर जांच की जरूरत है. पेगासस जासूसी मामले की अलग-अलग जांच करना संभव नहीं है.

Also Read: मोदी के मंत्री जॉन बारला की बंगाल विभाजन की मांग, ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप

पेगासस जासूसी मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. सदन से सड़क तक विपक्षी दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विरोध किया था. आरोप है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके देश की बड़ी हस्तियों के फोन की जासूसी की गई है. जबकि, केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से किसी तरह की जासूसी नहीं करने की बात कही. इसको लेकर मॉनसून सत्र में जोरदार हंगामा देखने को मिला था.

Exit mobile version