19.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डीजीपी को हटाने के मुद्दे पर झारखंड, केंद्र और यूपीएससी को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, 21 को फिर होगी सुनवाई

Jharkhand News, Ranchi News, Supreme Court, DGP of Jharkhand, Jharkhand DGP, MV Rao, Kamal Nayan Choubey: झारखंड के नये पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति पर गुरुवार (13 अगस्त, 2020) को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, यूपीएससी, झारखंड सरकार और झारखंड के वर्तमान प्रभारी डीजीपी एमवी राव को नोटिस जारी किया. एमवी राव को झारखंड का प्रभारी डीजीपी बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. 21 अगस्त को फिर होगी सुनवाई

रांची : झारखंड के नये पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति पर गुरुवार (13 अगस्त, 2020) को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, यूपीएससी, झारखंड सरकार और झारखंड के वर्तमान प्रभारी डीजीपी एमवी राव को नोटिस जारी किया. एमवी राव को झारखंड का प्रभारी डीजीपी बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. 21 अगस्त को फिर होगी सुनवाई.

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि इस मामले में पूर्व डीजीपी कमल नयन चौबे को भी पार्टी बनायें. सुप्रीम कोर्ट ने पीटिशनर को याचिका से संबंधित कुछ दस्तावेज संलग्न करने के भी निर्देश दिये हैं. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई की.

गिरिडीह के रहने वाले और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रह्लाद नारायण सिंह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा था कि डीजी (होमगार्ड) एमवी राव को झारखंड का प्रभारी डीजीपी बनाने से वह दुखी हैं. उन्होंने इस नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले की अवमानना बताया.

Also Read: झारखंड के कामगारों को साल में 100 दिन रोजगार, नहीं तो मिलेगा बेरोजगारी भत्ता, 15 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन कर सकते हैं एलान

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई से पहले ही यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर दो साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही डीजीपी के पद से केएन चौबे को हटाने की वजह पूछी.

यूपीएससी ने राज्य सरकार की ओर से भेजे गये पांच आइपीएस अधिकारियों के पैनल पर विचार करने से भी इन्कार कर दिया. यूपीएससी ने मुख्य सचिव से पूछा है कि कमल नयन चौबे का दो साल का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ, तो उन्हें पद से क्यों हटाया गया.

यूपीएससी ने झारखंड सरकार को स्पष्ट कर दिया कि जब तक कमल नयन चौबे को पद से हटाये जाने की वजह स्पष्ट नहीं होगी, यूपीएससी राज्य सरकार की ओर से भेजे गये पैनल पर कोई विचार नहीं करेगा. कमीशन ने पूछा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में आने वाली किसी वजह से उन्हें (केएन चौबे को) हटाया गया है.

उल्लेखनीय है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 16 मार्च, 2020 को अचानक ही केएन चौबे को महज नौ माह के कार्याकाल के बाद हटाकर दिल्ली में आधुनिकीकरण का ओएसडी बना दिया. उनकी जगह एमवी राव को प्रभारी डीजीपी नियुक्त कर दिया गया.

दो साल के भीतर डीजीपी को हटाना गलत

हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड के संभावित डीजीपी के रूप में 5 आइपीएस अधिकारियों की लिस्ट यूपीएससी को भेजी थी. यूपीएससी ने इसके जवाब में कहा है कि 31 मई, 2019 को राज्य सरकार ने केएन चौबे का नोटिफिकेशन बतौर डीजीपी निकाला था.

इसमें आगे कहा गया है कि यूपीएससी के इम्पैनलमेंट कमेटी मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अंतर्गत भेजे गये नामों के आधार पर यह चयन दो साल के लिए हुआ था. यूपीएससी ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यूपीएससी की ओर से राज्य के तीन वरीय अफसरों के नाम का पैनल भेजा जायेगा.

अफसरों की बेहतर सर्विस रिकॉर्ड, सेवा की अवधि और पुलिस विभाग में अनुभवों के आधार पर इन तीन वरीय अफसरों में एक को राज्य सरकार को डीजीपी के पद पर दो सालों के लिए चुनना होगा.

कब हटाया जा सकता है पुलिस महानिदेशक को

दो साल के भीतर इन पुलिस अधिकारियों को तभी हटाया जा सकता है, जब इन्हें ऑल इंडिया सर्विस रूल्स में दोषी पाया गया हो, किसी मामले में कोर्ट ने उन्हें कोई सजा सुनायी हो या अधिकारी शारीरिक वजहों से काम करने में अक्षम हो.

Also Read: पीटीआइ के ब्यूरो चीफ पीवी रामानुजम ने रांची में की आत्महत्या, धनबाद के पत्रकार संजीव सिन्हा की कोरोना से मौत
इन 5 लोगों की सरकार ने भेजी थी सूची

वर्तमान कार्यकारी पुलिस महानिदेशक एमवी राव, एसएन प्रधान, केएन चौबे, नीरज सिन्हा और अजय कुमार सिंह के नाम यूपीएससी को मंजूरी के लिए भेजे गये थे. एमवी राव को कार्यकारी पुलिस महानिदेशक बनाये जाने से पहले केएन चौबे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक थे.

इस वक्त श्री चौबे दिल्ली में पुलिस आधुनिकीकरण का काम देख रहे हैं. एसएन प्रधान सेंट्रल डेप्युटेशन पर हैं और एनडीआरएफ के महानिदेशक हैं. वहीं, अजय कुमार सिंह वायरलेस एडीजी हैं और नीरज सिन्हा एसीबी के डीजी. जुलाई के अंत में रेल डीजी वीएस देशमुख के रिटायर होने के बाद अजय कुमार सिंह को डीजी के पद पर प्रोन्नति मिलना तय है. हालांकि, अभी इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई है.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें