Loading election data...

सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज केस वापस ले सकती है राज्य सरकार, लेकिन हाईकोर्ट की इजाजत जरूरी

राज्य सरकारों को राजनीतिक दुर्भावना के आधार पर मौजूदा, पूर्व सांसदों और विधायकों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का अधिकार मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने से पहले राज्य सरकारों को हाइकोर्ट की मंजूरी लेनी होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2021 10:15 AM
an image

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस प्रस्ताव से असहमति जतायी कि राज्य सरकारों को राजनीतिक दुर्भावना के आधार पर मौजूदा, पूर्व सांसदों और विधायकों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का अधिकार मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने से पहले राज्य सरकारों को हाइकोर्ट की मंजूरी लेनी होगी.

अदालत ने कहा कि हम राजनीतिक दुर्भावना के कारण दर्ज मुकदमे वापस लेने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसकी न्यायिक समीक्षा अदालत द्वारा करना जरूरी है और राज्यों को इसका कारण बताना होगा. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि हाइकोर्ट ऐसे मामलों की समीक्षा करेगा. अगर वह संतुष्ट होता है, तो राज्य सरकार मुकदमे वापस ले सकती है.

पीठ सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों के त्वरित निबटारे के लिए विशेष अदालत गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. इस मामले के एमिकस क्यूरी वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने पीठ को बताया कि कई राज्यों में सरकार बिना उचित कारण बताये जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस ले रही है. यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के 77 मुकदमे वापस लेने का आदेश जारी किया है.

Also Read: अफगानिस्तान को लेकर क्या है भारत का रुख, विदेश मंत्री देंगे सर्वदलीय बैठक में जवाब, विपक्ष ने किया था ये सवाल

51 सांसदों और 71 विधायकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस: वकील हंसारिया ने सीबीआइ और ईडी की ओर से दाखिल रिपोर्ट के आधार पर कहा कि 51 सांसदों और 71 विधायकों के पीएमएलए के तहत मामला दर्ज है. 151 संगीन मामले विशेष कोर्ट में हैं, जिसमें दोषी होने पर उम्रकैद हो सकती है. इस पर पीठ ने सीबीआइ और ईडी की धीमी जांच पर नाराजगी जाहिर की. 121 मौजूदा विधायकों के खिलाफ मामला सीबीआइ के पास लंबित है.

Also Read: 3 हजार रुपये में एक बोतल पानी, साढ़े 7 हजार रुपये प्लेट खाना, काबुल एयरपोर्ट पर बद से बदतर हालात, तड़प रहे लोग

Posted by: Pritish Sahay

Exit mobile version