Loading election data...

स्त्री-पुरुष के लिए शादी की उम्र एक समान नहीं होगी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषों एवं महिलाओं दोनों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

By Samir Kumar | March 27, 2023 6:50 PM

Legal Marriage Age: सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषों एवं महिलाओं दोनों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष करने के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को विचार करने से इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह उम्र तय करने के लिए संसद को कानून बनाने का निर्देश देने जैसा होगा.

विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है मामला: पीठ

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिंह और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विचार नहीं करेगी तथा यह मामला विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 20 फरवरी के अपने आदेश का हवाला दिया, जिसमें उसने अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक अन्य जनहित याचिका को खारिज कर दिया था. इस याचिका में भी पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र में समानता की मांग की गई थी.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा…

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, यह कानून बनाने जैसा होगा. यह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. एक प्रावधान को खत्म करने से ऐसी स्थिति पैदा होगी जहां महिलाओं की शादी के लिए कोई न्यूनतम आयु नहीं होगी. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर अदालत इस दलील पर विचार करेगी तो यह संसद को न्यूनतम आयु तय करने का निर्देश देने जैसा होगा.

कानूनी उम्र बढ़ाकर 21 साल करने का किया गया था अनुरोध

पीठ ने कहा, इन कार्यवाहियों में चुनौती पुरुषों और महिलाओं की शादी की उम्र पर पर्सनल लॉ को लेकर है. हमने 20 फरवरी, 2023 को अश्विनी उपाध्याय बनाम भारत संघ के एक समान मामले में फैसला किया है. पारित आदेश के मद्देनजर, याचिका खारिज की जाती है. शाहिदा कुरैशी द्वारा दायर याचिका में महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का अनुरोध किया गया था.

Next Article

Exit mobile version