नई दिल्ली : भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को एक जोरदार झटका लगा है. देश छोड़कर ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रहने वाले विजय माल्या को भारत लाने की प्रक्रिया कानूनी पचड़ों की वजह से लंबी खिंचती चली जा रही है. भारत के सर्वोच्च अदालत में भी उनके खिलाफ एक मामले पर सुनवाई जारी है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि विजय माल्या के वकील उनका केस लड़ने से इनकार कर दिया है. सर्वोच्च अदालत के सामने कहा गया है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या का कोई अता-पता नहीं है. हालत यह है कि उनसे बात भी नहीं की जा सकती. ऐसी स्थिति में उनका केस नहीं लड़ा जा सकता.
बता दें कि भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या पर सुप्रीम कोर्ट में देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में करीब 17 बैंकों के कंसोर्टियम से हजारों करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी का मामला चल रहा है. सर्वोच्च अदालत में अधिवक्ता ईसी अग्रवाल बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में विजय माल्या का केस लड़ रहे हैं. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ईसी अग्रवावल ने विजय माल्या का केस लड़ने से इनकार कर दिया.
अधिवक्ता ईसी अग्रवाल ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ के सामने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार विजय माल्या ब्रिटेन में हैं, लेकिन वे मुझसे कोई नहीं कर रहे हैं. मेरे पास उनका सिर्फ ई-मेल एड्रेस ही है. उन्होंने पीठ से कहा कि इस ई-मेल के जरिए हम उन्हें ट्रेस करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें अदालत में पेश करने के मामले से मुझे छुट्टी मिल जानी चाहिए.
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अधिवक्ता ईसी अग्रवाल की अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि वे कोर्ट रजिस्ट्री में विजय माल्या की ई-मेल आईडी लिखवा दें और उनका पता भी उपलब्ध करा दें. इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी 2023 में की जाएगी. साल 2022 की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से अदालती आदेश की अवमानना करने के आरोप में विजय माल्या को करीब चार महीने की जेल की सजा दी गई थी. उस समय अदालत ने सरकार को भी निर्देश दिया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि विजय माल्या भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं. अदालत के आदेश के बावजूद विजय माल्या ने भारत आने की जहमत नहीं उठाई.