सुप्रीम कोर्ट से मिली चुनाव आयोग को राहत, मतदान प्रतिशत सार्वजनिक करने की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को लगा झटका
सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को राहत मिली है जबकि मतदान प्रतिशत सार्वजनिक करने की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को जोरदार झटका लगा है.
सुप्रीम कोर्ट से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को राहत मिली है. दरअसल, कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर आयोग को लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत के आंकड़े उसकी वेबसाइट पर अपलोड करने के संबंध में कोई निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतदान के 5 चरण हो चुके हैं, 2 चरण अभी बचे हुए हैं. ऐसे में चुनाव आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा.
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने शुक्रवार को एनजीओ की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत आंकड़े वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह फिलहाल ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं और दो चरण बाकी हैं. पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि अर्जी में किया गया अनुरोध इसी मुद्दे पर 2019 से लंबित मुख्य याचिका के समान हैं.
निर्वाचन आयोग ने क्या कहा था
इससे पहले जब मामले की सुनवाई हुई थी तो निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े ‘बिना सोचे-समझे जारी करने’ और वेबसाइट पर पोस्ट करने से लोकसभा चुनावों में व्यस्त मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा होगी जिससे परेशानी का सामना करना पड़ेगा. आयोग ने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका के जवाब में दायर एक हलफनामे में उक्त बातें कही थी.