सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जमानत की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई अरविंद बोबडे की टिप्पणी सुर्खियों में आ गई. अमूमन सुप्रीम कोर्ट से फैसलों में सख्त रुख और फटकार जैसे शब्द सामने आते हैं. ऐसा शायद ही कोई मौका आता हो जब कोर्ट द्वारा कोर्ट तंजात्मक लहजा या फिर मजाकिया टिप्पणी होता है.
देश की शीर्ष अदालत में मंगलवार को कुछ ऐसा ही हुआ. दरअसल, एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई ने आज जन्माष्टमी है और आज के ही दिन भगवान कृष्ण जेल में जन्मे थे और आप बाहर निकलना चाह रहे हैं? एनडीटीवी के मुताबिक, सीजेआई के सवाल पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हां वह जमानत चाहते हैं.
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तब चीफ जस्टिस ने आरोपी को जमानत देने का आदेश जारी करते हुए कहा कि ठीक है, आपने धर्म को अन्य चीजों से नहीं जोड़ा है. अदालत ने आरोपी को 25 हजार रुपये का मुचलका भरने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि संशोधित हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में एक बेटी संपत्ति की बराबर की अधिकारी है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि भले ही हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के लागू होने से पहले ही किसी की मृत्यु हो गई हो, तो भी उनकी बेटियों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होगा. कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. जस्टिस अरुण मिश्रा ने मंगलवार को उस अपील पर फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि क्या हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 का पूर्वव्यापी प्रभाव होगा या नहीं.
Posted by; Utpal kant