Supreme court News: कोर्ट में वकील को भारी पड़ी उसकी चुप्पी, 3 बार माफी मांगने पर भी जजों ने नहीं दिखाई दया
Supreme court News: सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई के दौरान तब अजीब स्थिति पैदा हो गई जब वकील लंबे वक्त तक चुप रह गए. जज ने स्क्रीन पर आए वकील से कम-से-कम तीन बार कहा कि वो केस के संबंध में कुछ कहें. लेकिन किसी कारण से वकील ने मुंह नहीं खोला तो जज ने उन्हें जमकर फटकार लगाई.
Supreme court News: सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई के दौरान तब अजीब स्थिति पैदा हो गई जब वकील लंबे वक्त तक चुप रह गए. जज ने स्क्रीन पर आए वकील से कम-से-कम तीन बार कहा कि वो केस के संबंध में कुछ कहें. लेकिन किसी कारण से वकील ने मुंह नहीं खोला तो जज ने उन्हें जमकर फटकार लगाई.
जस्टिस नरीमन ने इस मामले को गंभीररता से लेते हुए वकील को चालबाजी करने के लिए फटकार लगाई. इसके बाद वकील ने अचानक से घबराहट में बोलना शुरू किया और जजों के सामने माफी मांगी. रिपोर्ट के मुताबिक, वकील ने कहा कि उसका कोर्ट का समय जाया करने जैसा कोई इरादा नहीं था. वकील ने ध्यान भटकने के लिए एक बार फिर कोर्ट से माफी मांगी. सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
इसके बाद जब कोर्ट ने गंभीर मुद्रा में ही आदेश पढ़ना शुरू किया, तो वकील ने फिर माफी मांगी और जजों से अपनी गलती को आदेश में शामिल न करने के लिए कहा. हालांकि, जस्टिस नरीमन ने इस पर कोई ध्यान न देते हुए फैसले में कहा कि सुनवाई के दौरान माइक चालू होने और जजों के लगातार तीन बार बोलने के लिए कहने के बावजूद वकील ने अपना मुंह नहीं खोला. उसने जानबूझकर ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह वरिष्ठ एडवोकेट का इंतजार कर रहा था.
बेंच ने कहा कि उसे सीधे कोर्ट को बताना चाहिए था कि वह वरिष्ठ वकील का इंतजार कर रहा है. लेकिन उसने चालबाजी की कोशिश की. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं. हम नहीं चाहते कि कोई वकील इस तरह से सुनवाई के तरीकों का मजाक बनाए. हालांकि, इसके बावजूद हमने वकील की बात सुनी है.
इसके बाद जब वकील ने जब जजों से माफी मांगते हुए अपील की कि वे अपने आदेश से उसकी चालबाजी से जुड़ी बात हटा दें, तो बेंच ने कहा कि वे ऐसा नहीं करेंगे. जजों ने डांट लगाते हुए कहा कि अगर वकील चाहता है, तो वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को लिखकर कार्रवाई के लिए कह सकते हैं. वकील ने इसके बाद दोबारा माफी मांगी और चुप्पी साध ली.
Posted By: Utpal kant