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पत्रकार राजदीप सरदेसाई के ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान, अवमानना का केस दर्ज

Journalist Rajdeep Sardesai Tweets Against Judiciary वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देश की शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने न्यायपालिका के संबंध में ट्वीट को लेकर पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मुकदमा दायर किया है. राजदीप सरदेसाई के खिलाफ आपराधिक अवमानना का यह केस उनके द्वारा अगस्त 2020 में किए गए कई ट्वीट्स को लेकर चलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2021 9:33 PM

Journalist Rajdeep Sardesai Tweets Against Judiciary वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देश की शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने न्यायपालिका के संबंध में ट्वीट को लेकर पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना का मुकदमा दायर किया है. राजदीप सरदेसाई के खिलाफ आपराधिक अवमानना का यह केस उनके द्वारा अगस्त 2020 में किए गए कई ट्वीट्स को लेकर चलेगा.

मीडिया रिपोर्ट में वेबसाइट बार एंड बेंच के अनुसार बताया गया है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने आस्था खुराना की याचिका के आधार पर दर्ज किया है. हालांकि, पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया था. राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने के लिए हरियाणा के पानीपत की रहने वालीं आस्था खुराना ने अपनी याचिका में सरदेसाई के कई ट्वीट्स की जानकारी दी थी.

आस्था खुराना की याचिका पर जवाब देते हुए वेणुगोपाल ने कहा था कि राजदीप सरदेसाई के ट्वीट उस तरीके के नहीं थे, जिससे कोर्ट की महिमा या कद कम होता हो. बता दें कि वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर भी अवमानना का ऐसा ही केस चल चुका है, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था. बाद में उनपर एक रुपये का जुर्माना लगा था.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में 26 जनवरी को कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में निकाली गयी किसानों की ट्रैक्टर परेड में मची हिंसा को लेकर किए गए राजदीप सरदेसाई के ट्वीट को लेकर दर्ज किए गए मामले में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिली थी. कांग्रेस सांसद शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई समेत छह पत्रकारों पर लालकिला हिंसा मामले में कथित तौर पर गुमराह करने वाले ट्वीट करने के आरोप थे, जिसको लेकर कई राज्यों में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. शीर्ष अदालत ने पिछले दिनों इन सभी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

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