सुप्रीम कोर्ट ने मोरबी पुल हादसे को ‘भारी त्रासदी’ बताया, हाई कोर्ट को दिया ये निर्देश
Morbi Bridge Collapse: सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि एक जनहित याचिकाकर्ता और हादसे में अपने दो परिजनों को खोने वाले एक अन्य वादी को स्वतंत्र सीबीआई जांच, पर्याप्त मुआवजा संबंधी याचिकाओं के साथ हाई कोर्ट का रुख करने की अनुमति प्रदान की है.
Morbi Bridge Collapse: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मोरबी पुल ढहने की घटना को लेकर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से मोरबी पुल ढहने की घटना से संबंधित जांच और अन्य पहलुओं की समय-समय पर निगरानी करने को कहा है. यहां चर्चा कर दें कि इस घटना में 140 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी जिससे पूरे देश के लोग आहत थे. सुप्रीम कोर्ट ने मोरबी पुल हादसे को ‘भारी त्रासदी’ करार दिया है.
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पहले ही घटना का स्वत: संज्ञान लिया है और कई आदेश पारित किये हैं, ऐसे में फिलहाल वह याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेगी.
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जनहित याचिकाकर्ता से कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि एक जनहित याचिकाकर्ता और हादसे में अपने दो परिजनों को खोने वाले एक अन्य वादी को स्वतंत्र सीबीआई जांच, पर्याप्त मुआवजा संबंधी याचिकाओं के साथ हाई कोर्ट का रुख करने की अनुमति प्रदान की है. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता बाद में उसका रुख कर सकते हैं.
30 अक्टूबर को ढह गया था पुल
मोरबी में माच्छु नदी पर बना ब्रिटिश काल का पुल 30 अक्टूबर को ढह गया था, जिसमें 47 बच्चों सहित 140 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी.
भाषा इनपुट के साथ