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पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता को SC से झटका, परिवार की याचिका खारिज

अमेरिका में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के परिवार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आपको जानकारी हो कि इस याचिका के तरह निखिल गुप्ता के परिवारवालों ने ‘कंसुलर एक्सेस’ की मांग की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

Supreme Court on Nikhil Gupta : अमेरिका में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के परिवार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आपको जानकारी हो कि इस याचिका के तरह निखिल गुप्ता के परिवारवालों ने ‘कंसुलर एक्सेस’ की मांग की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आरोपी निखिल गुप्ता की राजनयिक पहुंच की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे संवेदनशील मुद्दा बताया और कहा कि उसे विदेशी अदालत के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करना चाहिए. बता दें कि यह निखिल गुप्ता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

अदालत ने क्या कहा?

निखिल गुप्ता अमेरिका में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के आरोप में चेक गणराज्य की जेल में बंद है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. आप ‘वियना कन्वेंशन’ के तहत ‘कांसुलर एक्सेस’ के हकदार हैं, जो आपको पहले ही मिल चुकी है.’ पीठ ने निखिल गुप्ता के परिवार वालों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी.ए. सुंदरम से कहा कि इस अदालत को विदेशी अदालत के अधिकार क्षेत्र और संप्रभुता तथा उस देश के कानून का सम्मान करना चाहिए और इसलिए वह मामले के गुण-दोषों पर नहीं जा सकते.

जानें अदालत में क्या हुई सुनवाई

जब याचिकाकर्ता के वकील ने यह कहने का प्रयास किया कि निखिल गुप्ता को एकांत कारावास में रखा गया है और अभियोग के बाद उन्हें कोई ‘कांसुलर संपर्क’ नहीं दिया गया, पीठ ने कहा कि हम आपको विदेशी अदालत के बारे में कुछ भी बोलने की इजाजत नहीं देंगे. वकील ने कहा कि यह पूरी तरह से मानवाधिकार का मुद्दा है और उन्होंने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय से सहायता मांगी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. वकील ने यह भी कहा, ‘मैं एक भारतीय नागरिक हूं…मुझे विदेश में अपनी रक्षा करने के लिए कोई सहायता नहीं मिली. ‘कांसुलर संपर्क’ का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति एक बार आकर आपसे मिल ले और फिर बात खत्म हो जाए.’

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30 जून को निखिल गुप्ता हुआ था गिरफ्तार

बता दें कि निखिल गुप्ता को 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने एकान्त कारावास में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है, जिसमें गोमांस और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाना भी शामिल है. यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें ‘कांसुलर एक्सेस’ के तहत भारत में अपने परिवार से संपर्क करने के अधिकार और कानूनी मदद लेने की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया. अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने गुप्ता पर पिछले साल 29 नवंबर को अमेरिकी धरती पर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था.

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