PM की सुरक्षा में चूक: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व केंद्र को बयानबाजी के लिए लताड़ा, किरण बेदी ने कही ये बात

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए किरण बेदी ने पंजाब के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को जिम्मेदार ठहराया है, तो सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनायी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2022 5:23 PM
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PM Modi security breach in Ferozepur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब के फिरोजपुर जिला में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक के बाद बयानबाजी के लिए केंद्र और पंजाब (Punjab) सरकार को लताड़ लगायी है. कहा है कि राज्य और केंद्र के बीच बयानबाजी से कुछ नहीं होने वाला.

कोर्ट ने कहा कि बयानबाजी की बजाय ऐसा मजबूत तंत्र बनाना होगा कि फिर से ऐसी घटना न हो. सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में एक समिति का गठन किया है. दूसरी तरफ, पूर्व आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी (Kiran Bedi) ने पंजाब सरकार पर पीएम की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है.

पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से कमेटी के गठन के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि इसकी जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि पूरे देश ने पंजाब के पुलिस और प्रशासन की नाकामी को देखा. पंजाब में पीएम की सुरक्षा से जिस तरह से समझौता किया गया, उसने देश के लिए एक बहुत ही बुरा उदाहरण प्रस्तुत किया.

किरण बेदी ने कहा कि पहले ही इसकी आशंका जतायी जा चुकी थी, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की. कहा कि पंजाब की सरकार पीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मूड में नहीं थी. वह पीएम की जान को खतरे में डालना चाहती थी. किरण बेदी ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे गलत आदेश का पालन करने की भारी कीमत चुकानी होगी. मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश के साथ-साथ पंजाब के गृह सचिव इसके लिए जिम्मेदार हैं.

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में चूक की जांच के लिए बुधवार को शीर्ष अदालत की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. स्वतंत्र जांच के लिए बनी कमेटी में जस्टिस इंदु मल्होत्रा के अलावा एनआईए के डीजी या उनके द्वारा नामत आईजी रैंक का कोई अधिकारी, चंडीगढ़ के डीजीपी, पंजाब के एडीजी (सिक्यूरिटी), पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्राार जनरल को शामिल किया गया है.

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इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि ‘सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता’ और न्यायिक क्षेत्र के व्यक्ति द्वारा जांच की निगरानी की आवश्यकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया है कि वह पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के 5 जनवरी के दौरे के लिए की गयी सुरक्षा-व्यवस्था से संबंधित सभी जब्त दस्तावेज समिति प्रमुख को तुरंत उपलब्ध कराएं.

पीठ ने कहा कि यह समिति ‘जल्द से जल्द’ अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी. पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति इन बिंदुओं की जांच करेगा कि सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और किस हद तक, उपचारात्मक उपाय आवश्यक हैं. भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो, समिति यह सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव देगी.

क्या है मामला

पंजाब के फिरोजपुर में 5 जनवरी को प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग अवरुद्ध करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर फंस गया था. इसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आये. शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और कहा था कि वह सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए पूर्व जज की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेगा. कोर्ट ने केंद्र और राज्य की समितियों द्वारा समानांतर जांच पर भी रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गैर सरकारी संगठन ‘लॉयर्स वॉयस’ की याचिका पर यह आदेश दिया.

Posted By: Mithilesh Jha

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