Supreme court news : एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि वे सेंसर बोर्ड नहीं है, लेकिन किसी भी समुदाय के लिए अगर कोई प्रोग्राम घृणास्पद है. कोर्ट ने टीवी चैनल के प्रोग्राम पर लगाम लगाते हुए कहा कि हम ये आदेश न्यूक्लियर बम को रोकने के आदेश जैसा दे रहे हैं.
इंडिया टुडे के अनुसार जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश में टीवी मीडया के प्रोग्राम के जरिए घृणा फैलाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ ‘यूपीएससी में जिहाद’ नामक प्रोग्राम पर रोक लगा दिया.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस केएम जोसेफ ने टीवी चैनल के वकीलों से पूछा कि जैन, ईसाई संगठन सहित कई धर्म अपने समुदाय के छात्रों की मदद करते हैं. हर कोई मुख्य धारा में आना चाहता है. आप क्यों रोकना चाहते है? जिसपर चैनल के.वकील ने हलफनामा दाखिल करने की बात कही.
सोमवार को अगली सुनवाई- सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी. चैनल अपने कार्यक्रम के बारे में कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी. सुप्रीम कोर्ट हलफनामा के बाद ही प्रोग्राम से संबधित बैन के आदेश पर कोई फैसला करेगी. चैनल ने इससे पहले सुनवाई के दौरान बैन हटाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया था.
सरकार से मांगा सुझाव- वहीं कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से सुझाव मांगा है. कोर्ट ने कहा कि मीडिया को आत्मनियंत्रण का सुझाव दें. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि एनबीसीए अधिकतम 1लाख का जुर्माना लगाती है, वहीं कई चैनल इस जुर्माने को नहीं मानते हैं. ऐसे में क्या किया जा सकता है. वहीं सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि इसपर सरकार प्लान बना रही है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra