Supreme court: अवमानना मामले में प्रशांत भूषण दोषी करार, SC में सजा पर सुनवाई 20 अगस्त को

Supreme court, Prashant Bhushan, Contempt of Court Case against Prashant Bhushan: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में दोषी करार दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत उनकी सजा पर 20 अगस्त को बहस होगी. इस मामले में पांच अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट न्यायपालिका के प्रति कथित रूप से दो अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में प्रशांत भूषण के खिलाफ स्वत: शुरू की गई अवमानना कार्यवाही में शुक्रवार को फैसला आ गया

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2020 12:03 PM

Supreme court, Prashant Bhushan, Contempt of Court Case against Prashant Bhushan: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में दोषी करार दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत उनकी सजा पर 20 अगस्त को बहस होगी. इस मामले में पांच अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. सुप्रीम कोर्ट न्यायपालिका के प्रति कथित रूप से दो अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में प्रशांत भूषण के खिलाफ स्वत: शुरू की गई अवमानना कार्यवाही में शुक्रवार को फैसला आ गया.

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया. कोर्ट ने पांच अगस्त को इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा.


कितनी होगी सजा या मिलेगी माफी ?

जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की इस बेंच ने कहा कि यह अवमानना का गंभीर मामला है. यह फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाया गया. जानकारी के मुताबिक, कंटेम्ट ऑफ़ कोर्ट्स ऐक्ट, 1971 के तहत प्रशांत भूषण को छह महीने तक की जेल की सजा जुर्माने के साथ या इसके बगैर भी हो सकती है. इसी कानून में ये भी प्रावधान है कि अभियुक्त के माफी मांगने पर कोर्ट चाहे तो उसे माफ भी कर सकती है.

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इससे पहले, प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था, जिसमें अदालत की अवमानना की गई है. उन्होंने कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते. कोर्ट ने इस मामले में प्रशांत भूषण को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व सीजेआई को लेकर प्रशांत भूषण की ओर से किए गए दो अलग-अलग ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी. अदालत का कहना था कि शुरुआती तौर पर प्रशांत भूषण के इन ट्वीट्स से न्याय व्यवस्था का अपमान होता है. इसके जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा था कि विचारों की स्वतंत्रता अदालत की अवमानना नहीं हो सकती. लेकिन अब अदालत ने इसे अवमानना माना है और उन्हें दोषी करार दिया है.

Posted By: Utpal kant

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