सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उसकी कार्यवाही के सीधे-प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) के लिए उसका अपना प्लेटफॉर्म होगा. इसके लिए यूट्यूब का उपयोग अस्थायी है. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह बात उस समय कही, जब भाजपा के पूर्व नेता केएन गोविंदाचार्य के वकील ने तर्क दिया कि शीर्ष अदालत की कार्यवाही का कॉपीराइट यूट्यूब जैसे निजी मंच को नहीं सौंपा जा सकता है. पीठ में जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं.
वकील विराग गुप्ता ने पीठ को बताया कि यूट्यूब ने स्पष्ट रूप से वेबकास्ट के लिए कॉपीराइट की मांग की है. सीजेआइ ने कहा कि यह शुरुआती चरण है. निश्चित रूप से हमारा अपना मंच होगा. हम इसका (कॉपीराइट मुद्दे का) ध्यान रखेंगे. शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर से सभी संविधान पीठ की सुनवाई की कार्यवाही को सीधे प्रसारित करने का फैसला किया है. वहीं कोर्ट ने इसके साथ ही पीठ ने गोविंदाचार्य की अंतरिम याचिका पर सुनवाई के लिए 17 अक्तूबर की तारीख तय की.
अपनी स्थापना के बाद पहली बार 26 अगस्त को न्यायालय ने एक वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया गया था. सूत्रों ने कहा था कि शीर्ष अदालत यूट्यूब के माध्यम से कार्यवाही का सीधा प्रसारण कर सकती है और बाद में उन्हें अपने सर्वर पर जारी कर सकती है. लोग सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर बिना किसी बाधा के देख सकते हैं.
Also Read: सुप्रीम कोर्ट ने IOA संविधान में संशोधन करने के लिए पूर्व न्यायाधीश नागेश्वर राव को किया नियुक्त
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई webcast.gov.in/scindia/ लिंक के माध्यम से देखा और सुना जा सकता है. हालांकि इसे लेकर कोर्ट ने अबतक कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया है. बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का किसी अन्य माध्यम से पुनर्प्रसारण नहीं होगा. फिलहाल इसपर कोर्ट प्रयोगिक दौर में है.
भाषा इनपुट के साथ