पूर्व प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन शोषण का मामला बंद, फैसले में SC की पीठ ने कही यह बात

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Former Chief Justice Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन शोषण (Molestation Case) मामला बंद कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह केस को हुए दो साल बीत चुके हैं, और इसकी जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावना बहुत कम रह गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2021 2:14 PM
  • पूर्व CJI के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस बंद

  • जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावना बहुत कम

  • सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच का दिया था आदेश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (Former Chief Justice Ranjan Gogoi) के खिलाफ यौन शोषण (Molestation Case) मामला बंद कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह केस को हुए दो साल बीत चुके हैं, और इसकी जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावना बहुत कम रह गई है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोप के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया था, और इसकी जांच शुरू की थी.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसमें कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले की जांच पहले ही पूरी की जा चुकी है, उस जांच के आधार पर न्यायमूर्ति एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय जस्टिस पैनल ने उन्हें दोष मुक्त करार दिया था. बेंच ने कहा, कार्यवाही जारी रखने का अब कोई उद्देश्य नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में स्वत: संज्ञान पर शुरू की गई यह कार्यवाही अब बंद कर दी गई है.

गौरतलब है कि, इस मामले की आखिरी सुनवाई अप्रैल 2019 को हुई थी. उस समय सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने की थी. उस समय अदालत ने मामले की जांच करने का फैसला किया था. कोर्ट का कहना था कि कहीं ये आरोप सीजेआई और कोर्ट की गरिमा को नुकसान पहुंचाने की साजिश की हिस्सा तो नहीं है.

क्या था आरोप: बता दें, एक महिला ने पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने उस समय यह भी कहा था कि, आरोप बेहद गंभीर हैं. इसकी सच्चाई का पता लगाना होगा. अप्रैल 2019 में मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी.

Also Read: India China Face Off: चीन पैंगोंग से पीछे हटने को कैसे हुआ मजबूर?, जानिए पूरी इनसाइड स्टोरी

Posted by: Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version