Loading election data...

लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर गाइडलाइन बनाने की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने बताया ‘मूर्खतापूर्ण विचार’

सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन संबंधों के पंजीकरण को लेकर गाइडलाइन बनाने का आग्रह करने वाली जनहित याचिका को मूर्खतापूर्ण विचार करार देते हुए सोमवार को खारिज कर दिया.

By Samir Kumar | March 20, 2023 9:12 PM

SC On Live-in Relationships: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र में लिव-इन संबंधों के पंजीकरण को लेकर गाइडलाइन बनाने का आग्रह करने वाली जनहित याचिका को मूर्खतापूर्ण विचार करार देते हुए सोमवार को खारिज कर दिया. दरअसल, लिव-इन रिलेशनशिप में हो रही हत्याओं का मामला शीर्ष अदालत पहुंचा है. इस मामले में दाखिल की गई जनहित याचिका में लिव-इन में रहने वाले जोड़ों का पंजीकरण अनिवार्य करने की मांग की गई है.

कोर्ट ने कहा, लिव-इन संबंधों के पंजीकरण का केंद्र से क्या लेना देना

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता ममता रानी के वकील से पूछा कि क्या वह इन लोगों की सुरक्षा बढ़ाना चाहती है या वह चाहती है कि वे लिव-इन संबंधों में न रहें. इसके जवाब में वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता लिव-इन में रहने वाले लोगों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए इन संबंधों का पंजीकरण चाहती है. पीठ ने कहा, लिव-इन संबंधों के पंजीकरण का केंद्र से क्या लेना देना है? यह कैसा मूर्खतापूर्ण विचार है? अब समय आ गया है कि अदालत इस प्रकार की जनहित याचिकाएं दायर करने वालों पर जुर्माना लगाना शुरू करे. इसे खारिज किया जाता है.

याचिका में इन मामलों का दिया गया था हवाला

याचिकाकर्ता ममता रानी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर केंद्र को लिव-इन संबंधों के पंजीकरण के लिए नियम बनाने का निर्देश देने का आग्रह किया था. याचिका में ऐसे संबंधों में दुष्कर्म और हत्या जैसे अपराधों में वृद्धि का उल्लेख किया गया था. याचिका में श्रद्धा वाल्कर की कथित तौर पर उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला द्वारा हत्या किए जाने का हवाला देते हुए इस तरह के रिश्तों के पंजीकरण के लिए नियम और दिशानिर्देश बनाने का आग्रह किया गया था. याचिका में कहा गया था कि लिव-इन संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी. (एजेंसी पीटीआई-भाषा के इनपुट के साथ)

Next Article

Exit mobile version