ऑक्सीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार किया है. इस आदेश में राज्य के रोजाना के चिकित्सीय ऑक्सीजन आवंटन को बढ़ाकर 1200 मीट्रिक टन करने का निर्देश दिया गया है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्यों को तय सीमा तक ऑक्सीजन आवंटन करना होगा. दिल्ली को आज फिर तय कोटे से कम ऑक्सीजन सप्लाई होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से अगले आदेश तक दिल्ली को कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए रोज 700 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति करते रहने के लिए कहा .
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न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी पर दिल्ली सरकार की दलील पर गौर किया और आगाह किया कि अगर रोज 700 मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति नहीं की गई तो वह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आदेश पारित करेगी. इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने इस मुद्दे दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ शुरू की अवमानना कार्यवाही पर रोक लगा दी थी
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इस मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि आज की तारीख में मरीजों को ऑक्सीजन देने की क्षमता देश में नहीं है. विदेशों से जो मदद आई है वो भी गोदामों में पड़ी हुई हैं. केंद्र सरकार को बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के ऑर्डर देने चाहिए.