नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोज की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की अपील को खारिज कर दिया. परीक्षा अपने तय समय पर 4 अक्टूबर को होगी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र से कहा, वैश्विक महामारी के कारण परीक्षा नहीं दे पाने वाले लोगों को एक और मौका देने पर विचार करें, जिनसे पास यूपीएससी परीक्षा देने का इस बार आखिरी मौका है.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपीएससी की तरफ से दी गयी दलीलों को स्वीकार किया जिसमें यूपीएससी ने कहा था कि अगर इस बार परीक्षा टाली गयी तो इसका असर आने वाले सालों पर भी पड़ेगा. कोर्ट ने भी माना है कि अगले साल दोनों साल की संयुक्त परीक्षा एक साथ कराना संभव नहीं होगा. यूपीएससी ने कहा था कि परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए जिस पर कोर्ट ने सहमति दे दी है. आयोग की तरफ से अपनी दलील पेश करते हुए अधविक्ता नरेश कौशिक ने कहा, परीक्षा स्थगित करना बिल्कुल भी संभव नहीं है. दोबारा इसे स्थगति करने से परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचेगा.
Supreme Court declines to postpone UPSC Civil Services (Preliminary) Examination, scheduled for October 4 pic.twitter.com/Cf3s49cWyv
— ANI (@ANI) September 30, 2020
क्यो हो रही थी परीक्षा स्थगित करने की मांग
यूपीएससी की परीक्षा स्थगित करने की मांग के पीछे का याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि बाढ़ और कोविड-19 के कारण कई परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे. परीक्षा को दो से तीन महीने आगे बढ़ाने की मांग की गयी थी. इसके पीछे तर्क था कि इस महामारी के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रहना ठीक नहीं है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील दे रहे वकील वीके शुक्ला ने कहा कि ‘हमारी मुख्य समस्या अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्रों तक की दूरी है. अभ्यर्थी अभी इतना ट्रैवल नहीं कर पाएंगे. ऐसे में अगर परीक्षा स्थगित होनी चाहिए और यूपीएससी को मानवता दिखानी चाहिए.
कोर्ट ने क्या कहा, क्यों नहीं की परीक्षा रद्द
इस मामले पर फैसला लेते हुए जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा, ‘अप्रैल मेंयह दलील दी गई थी. कोरोना महामारी के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के तहत सब खुल रहा है. यात्रा के लिए बसों का इस्तेमाल किया जा सकता है . यूपीएससी भी परीक्षा में पूरी सुरक्षा ले रहा है अगर उसमें कोई समस्या है तो उनसे बात करें .
Posted By – Pankaj Kumar Pathak