सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर लगाई रोक, जग्गी वासुदेव को बड़ी राहत
Isha Foundation: सुप्रीम कोर्ट ने ईशा फाउंडेशन के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस की जांच पर रोक लगाई है.
Isha Foundation: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (3 अक्टूबर) को ईशा फाउंडेशन के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस की जांच पर रोक लगाई और मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कोई भी कार्रवाई न करने का निर्देश दिया. ईशा फाउंडेशन, जिसकी स्थापना सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की है, ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट ने कोयंबटूर पुलिस को निर्देश दिया था कि वह ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी मामलों का ब्यौरा इकट्ठा कर अदालत में पेश करे.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस आदेश पर फिलहाल रोक लगाते हुए मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया और 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई तय की. इस दौरान, सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे, ने पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी.फाउंडेशन की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि करीब 500 पुलिस अधिकारियों ने ईशा फाउंडेशन के आश्रम पर छापा मारा और हर कोने की जांच की. रोहतगी ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.
मामला तब उठा जब तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एस. कामराज ने मद्रास हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अपनी दो बेटियों को फाउंडेशन द्वारा अवैध रूप से बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया. उनकी दोनों बेटियां, जो इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर हैं, ईशा फाउंडेशन से जुड़ी थीं. कामराज ने आरोप लगाया कि फाउंडेशन कुछ लोगों को गुमराह करके उनका धर्म परिवर्तन कर रहा है और उन्हें ‘भिक्षु’ बना रहा है, साथ ही उनके परिवार वालों को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है.
मद्रास हाई कोर्ट ने 30 सितंबर को पुलिस को निर्देश दिया था कि वह फाउंडेशन से जुड़े सभी मामलों की डिटेल्स पेश करे. इसके बाद, 1 अक्टूबर को तमिलनाडु के लगभग 500 पुलिसकर्मी आश्रम की जांच के लिए पहुंचे थे. इस जांच के खिलाफ सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां कोर्ट ने फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.