नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए ट्वीट्स को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) पर कोर्ट की अवमानना का केस (Suo Moto Contempt Case) दर्ज कर लिया है. मामले की सुनवाई बुधवार 22 जुलाई को होगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर इंडिया (Twitter India) के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने यह एक्शन उनके न्यायपालिका के खिलाफ कथित अपमानजनक ट्वीट्स को लेकर लिया है.
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ बुधवार को प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ इस मामले की सुनवाई करेगी. प्रशांत भूषण न्यायपालिका से जुड़े मसले सोशल मीडिया पर लगातार उठाते रहे हैं.
हाल ही में उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान दूसरे राज्यों से पलायन कर रहे कामगारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के रवैये की तीखी आलोचना की थी. इससे पहले प्रशांत भूषण ने भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी वरवर राव और सुधा भारद्वाज जैसे जेल में बंद नागरिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे व्यवहार के बारे में भी बयान भी दिये थे.
सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड्स के अनुसार, मंगलवार शाम 3.48 बजे प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ स्वतः संज्ञान से SMC(Crl)1/2020 नंबर का केस दर्ज किया गया है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के कौन से ट्वीट पर यह एक्शन लिया है. अदालत के रिकॉर्ड में भी इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है.
प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. वे भारत के पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण के पुत्र हैं. प्रशांत भूषण ने अपनी कानून की डिग्री इलाहाबाद से प्राप्त की है. भूषण न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं. अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में भूषण सुर्खियों में आए. इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के प्रमुख सदस्य होने के साथ उन्होंने आम आदमी पार्टी के गठन में भी काफी सहयोग दिया था.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.