स्कूलों में हिजाब पर पाबंदी : होली के बाद सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के फैसले पर दी गई चुनौती

हाईकोर्ट ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2022 12:44 PM

नई दिल्ली : स्कूलों की कक्षाओं में हिजाब पहने की अनुमति देने से कर्नाटक हाईकोर्ट की ओर से इनकार किए जाने के आदेश की चुनौती मामले में सुप्रीम कोर्ट अब होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई करेगा. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने एक फैसले में स्कूलों में हिजाब पहनकर जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. उसने अपने फैसले में कहा कहा था कि हिजाब इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल की कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने से इनकार करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कुछ छात्राओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े की उन दलीलों पर गौर किया कि आगामी परीक्षाओं को देखते हुए तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि तत्काल आवश्यकता यह है कि कई लड़कियां हैं, जिन्हें परीक्षाओं में बैठना है.’ सीजेआई ने कहा कि दूसरों ने भी जिक्र किया है. हम देखते हैं. हम अवकाश के बाद इसे सूचीबद्ध करेंगे. हमें वक्त दीजिए.

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मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के आदेश के खिलाफ कुछ याचिकाएं दायर की गई हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. हाईकोर्ट ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थीं. उसने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं.

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