बीबीसी डॉक्यूमेंट्री बैन मामले पर 6 फरवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र ने लगाया था प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को बैन किये जाने को लेकर याचिका दायर की गयी है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फरवरी की 6 तारीख को सुनवाई करने वाला है. बता दें इस डॉक्यूमेंट्री में साल 2002 के गुजरात दंगों को दिखाया गया है.

By Vyshnav Chandran | January 30, 2023 12:37 PM
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BBC Documentary Ban: बीबीसी द्वारा बनाया गया डॉक्यूमेंट्री बीते कुछ समय से काफी चर्चे में रहा है. बता दें इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों को दिखाया गया था और इसी वजह से काफी बवाल भी हुआ. केंद्र ने इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया है और इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस बैन को हटाने के लिए याचिका दायर की गयी है. सुप्रीम कोर्ट भी इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 फरवरी का दिन चुना है. याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली टीम के समक्ष मामले की जल्द सुनवाई की अपील की है और इसी के बाद कोर्ट ने इसे लिस्टेड करने का आदेश भी दिया है.

संविधान पर उठा सवाल

याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाए जाने पर संवैधानिक सवाल उठाया है. सवाल उठाते हुए उन्होंने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह तय करने का आग्रह किया है कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) और (2) के तहत नागरिकों को 2002 के गुजरात दंगों पर समाचार, तथ्य और रिपोर्ट देखने का अधिकार है या फिर नहीं. अधिवक्ता एम एल शर्मा ने दायर की गयी याचिका में कहा कि- बीबीसी डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question पर बैन लगाने का केंद्र का फैसला दुर्भावनापूर्ण, मनमाना और संविधान के खिलाफ है.

केंद्र ने लगाया बैन

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री India:The Modi Question पर केंद्र ने 21 जनवरी को बैन लगा दिया था. बैन लगाए जाने पर कई शिक्षण संस्थानों में छात्र संगठनों ने इस विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर हंगामा भी किया है जिस वजह से इसपर विवाद की स्थिति भी बन गयी है.

सुप्रीम कोर्ट से किया आग्रह

याचिकाकर्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर किये गए याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वे इस डॉक्यूमेंट्री के दोनों ही भागों को देखें और उनकी अच्छी तरह से जांच भी करें. केवल यही नहीं उन्होंने अपनी याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि उन लोगोंके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए 2002 गुजरात दंगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.

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