नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर से केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है. सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर कर जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के कानून की वैधता को चुनौती दी गई है. बताया जा रहा है कि अदालत जुलाई में सुनवाई के लिए इनकी याचिकाओं को सूचीबद्ध कर लिया है.
Supreme Court to list petitions challenging the validity of the law scrapping Article 370 of the constitution, special status to Jammu & Kashmir & bifurcating the state into two UTs, for hearing in July.
— ANI (@ANI) April 25, 2022
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सुनवाई करने पर सोमवार को सहमति जताई. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर देशपांडे की इस दलील पर गौर किया कि केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन की प्रक्रिया शुरू किये जाने के मद्देनजर याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है.
वरिष्ठ वकील ने कहा कि यह अनुच्छेद 370 से संबंधित मामला है. परिसीमन भी चल रहा है. वकीलों की दलील सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि मैं देखता हूं. यह पांच जजों की पीठ के सामने रखा जाने वाला मामला है. मुझे पीठ का पुनर्गठन करना होगा. अदालत ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिये पांच न्यायाधीशों की पीठ के पुनर्गठन पर सहमति जताई.
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संसद से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था. इसके साथ ही, सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित भी किया. सरकार के इस कदम के बाद घाटी में लंबे समय तक पाबंदियां लगाई गईं और वहां के प्रमुख राजनेताओं को नजरबंद भी रखा गया.