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महाराष्ट्र संकट : शिवसेना विवाद पर कल फिर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अदालत ने सुनी दोनों पक्षों की बात

उद्धव ठाकरे गुट ने नई याचिका दाखिल कर यह मांग भी की है कि सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के चुनाव चिह्न को आवंटित करने के लिए चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया पर रोक लगाए.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना अहम फैसला सुना सकता है. राज्य की पूर्व उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की कुर्सी हासिल करने वाले शिवसेना के बागी नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव गुट पार्टी पर अपना-अपना दावा पेश कर रहा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल गुरुवार को फिर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोनों गुटों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं की विस्तृत दलीलें सुनीं.

समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, महाराष्ट्र सियासी संकट से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोनों गुटों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं की विस्तृत दलीलें सुनीं. सर्वोच्च अदालत ने आज महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से संबंधित मामले में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे समूह दोनों की विस्तृत दलीलें सुनीं. कोर्ट ने मामले को गुरुवार को आगे की सुनवाई की बात कही है.


संविधान पीठ का किया जा सकता है गठन

इससे पहले 20 जुलाई को हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने यह संकेत दिया था कि मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया जा सकता है. उस दिन कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा था कि वह आपस में बात कर सुनवाई के बिंदुओं का एक संकलन जमा करवाएं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दोनों गुटों के नेताओं की कई याचिकाएं लंबित हैं और इन याचिकाओं में विधायकों की अयोग्यता, राज्यपाल की तरफ से शिंदे गुट को आमंत्रण देने, विश्वास मत में शिवसेना के दो व्हिप जारी होने जैसे कई मसलों को उठाया गया है.

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शिंदे-उद्धव गुटों ने दायर की है याचिका

उद्धव ठाकरे गुट ने नई याचिका दाखिल कर यह मांग भी की है कि सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के चुनाव चिह्न को आवंटित करने के लिए चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया पर रोक लगाए. उद्धव गुट की एक और याचिका में लोकसभा स्पीकर की कार्रवाई को भी चुनौती दी गई है. वहीं, इस याचिका में शिंदे पक्ष के सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में पार्टी के नेता और भावना गवाले को चीफ व्हिप के रूप में मान्यता दी जाने का विरोध किया गया है.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिया था निर्देश

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता जैसे मसलों पर यथस्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था. साथ ही, यह भी कहा था कि मामले से जुड़े विधानसभा के सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएं. आज कोर्ट यह तय कर सकता है कि मामले में उठाए जा रहे संवैधानिक सवालों के चलते क्या उसे 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा जाए. ऐसी सूरत में कोर्ट आगे की सुनवाई की रूपरेखा भी तय कर सकता है. किसी भी पक्ष की ओर से अगर किसी अंतरिम राहत की मांग की जाती है, तो 3 जजों की बेंच उस पर भी विचार कर सकती है.

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