26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीजेआई ने पेंडिंग केस की फास्ट ट्रैक सुनवाई के लिए पेश की नई प्रणाली, सुप्रीम कोर्ट की पीठ हो गई नाराज

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक आपराधिक मामले में जारी आदेश में कहा है कि मामलों को सूचीबद्ध करने की नई प्रणाली मौजूदा मामले की तरह के मुकदमों की सुनवाई के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रही है, क्योंकि ‘भोजनावकाश के बाद के सत्र' में कई मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं.

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने लंबित मामलों की फास्ट ट्रैक सुनवाई के लिए एक नई प्रणाली पेश की. इसमें उन्होंने यह तय किया कि सुप्रीम कोर्ट में भोजनावकाश के बाद के सत्र में लंबित मामलों की सुनवाई की जाएगी. उनके इस न्यायिक आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने नाराजगी जाहिर की है. देश में किसी न्यायिक आदेश पर नाराजगी जाहिर करने का यह अनोखा उदाहरण बताया जा रहा है.

नई प्रणाली से कैसे पैदा हो रहीं दिक्कतें

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक आपराधिक मामले में जारी आदेश में कहा है कि मामलों को सूचीबद्ध करने की नई प्रणाली मौजूदा मामले की तरह के मुकदमों की सुनवाई के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रही है, क्योंकि ‘भोजनावकाश के बाद के सत्र’ में कई मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं. न्यायमूर्ति कौल वरीयता क्रम में सुप्रीम कोर्ट के तीसरे सीनियर जज हैं. उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश 13 सितंबर को जारी किया, जिसे आज की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था.

27 अगस्त के बाद से अब तक 5000 से अधिक मामलों का निपटारा

नई प्रणाली के तहत सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश दो अलग-अलग पालियों में कार्य कर रहे हैं. नई प्रणाली के तहत प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को कुल 30 न्यायाधीश मुकदमों की सुनवाई करते हैं और दो-दो न्यायाधीशों की पीठ का ही गठन किया जाता है. प्रत्येक पीठ औसतन 60 से अधिक मामलों की सुनवाई करती है, जिनमें नई जनहित याचिकाएं शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, 27 अगस्त को सीजेआई का पदभार ग्रहण करने के दिन से अभी तक नई प्रणाली के तहत सर्वोच्च अदालत में कुल 5000 से अधिक मामलों का निपटारा किया गया है.

Also Read: सुप्रीम कोर्ट में लंबित है करीब 350 नदी घाटों की बंदोबस्ती का मामला, बिहार के केवल 13 जिलों में ही हो रहा है बालू का वैध खनन
नोटिस जारी वाले मामले में की होगी समेकित सूची

सीजेआई के शपथ ग्रहण के दिन से लेकर 13 कार्यदिवसों में सर्वोच्च अदालत ने 3500 मिश्रित मामलों, 250 से अधिक नियमित और 1200 स्थानांतरण याचिकाओं का निपटारा किया है. इस सप्ताह की शुरुआत में एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगले सप्ताह से यह निर्णय लिया गया है कि वैसे मामलों की एक ही समेकित सूची होगी, जिनमें नोटिस जारी हो चुके हैं. यह सूची एक पीठ के लिए पूरे हफ्ते जारी रहेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें