ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, बिना किसी बहाने के लागू करें वन नेशन-वन राशन कार्ड स्कीम
पिछले साल कोरोना महामारी की शुरुआत में लागू किए गए संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान असंगठित मजदूरों को रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ा था. रजिस्ट्रेशन होने के बाद ही असंगठित क्षेत्र के मजदूर विभिन्न सरकारों की ओर से चलाई जा रही लाभकारी स्कीमों का फायदा उठा सकते थे. इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा है.
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बिना किसी हीला-हवाली के वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू करें. अपने आदेश में सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ‘कोई बहाना नहीं, तुरंत लागू करें, वन नेशन-वन राशन कार्ड.’ अदालत ने यह भी कहा है कि आप एक या अन्य समस्या का हवाला नहीं दे सकते. यह प्रवासी मजदूरों के लिए है. इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों द्वारा उठाए गए समस्याओं पर अपने फैसले को सुरक्षित रखा है.
बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी की शुरुआत में लागू किए गए संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान असंगठित मजदूरों को रजिस्ट्रेशन कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ा था. रजिस्ट्रेशन होने के बाद ही असंगठित क्षेत्र के मजदूर विभिन्न सरकारों की ओर से चलाई जा रही लाभकारी स्कीमों का फायदा उठा सकते थे. इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा है.
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना से राज्य को बाहर रखने की बात कही थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को इसे तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है. इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने हमेशा यही तर्क दिया है कि इस योजना के तहत पूरे देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत कार्डधारकों को देश के किसी भी कोने में राशन की दुकानों से उनके हिस्से का अनाज आसानी से मिल सकेगा.
सरकार का कहना है कि इसके बाद नौकरी या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले लोग सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होंगे. इसके साथ ही, हाल में केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच ‘घर-घर राशन योजना’ को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना तुरंत लागू करने का निर्देश दिया था. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कहा गया है कि इस योजना को अविलंब लागू करें, जिससे दिल्ली के कम से कम 10 लाख अप्रवासी श्रमिकों को इसका लाभ मिल सके.
Posted by : Visshwat Sen