जम्मू-कश्मीर के गरीब बच्चों को क्रिकेट सिखाना चाहते हैं सुरेश रैना, DGP को चिठ्ठी लिख की ये अपील
सुरेश रैना (Suresh Raina) ने जम्मू-कश्मीर (jammu-kasshmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह को पत्र लिखा है. रैना ने अपने पत्र में सूबे के बच्चों के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनुभव को साझा करने की इच्छा जताई है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना ( Suresh Raina) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद एक अलग काम करने जा रहे हैं. सुरेश रैना केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के युवाओं को क्रिकेट के लिए प्रशिक्षित करना चाहते हैं. इसके लिए सुरेश रैना (Suresh Raina) ने जम्मू-कश्मीर (jammu-kasshmir) के डीजीपी दिलबाग सिंह को पत्र लिखा है. रैना ने अपने पत्र में सूबे के बच्चों के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनुभव को साझा करने की इच्छा जताई है, जो कि जम्मू-कश्मीर के बच्चों के भविष्य में काम आ सके.
बता दें कि रैना ( Suresh Raina) खुद एक कश्मीरी पंडित हैं. उनके पिता त्रिलोक चंद जम्मू और कश्मीर के रेनवाड़ी से ताल्लुख रखते हैं, जबकि उनकी माँ हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से हैं. भारत के पूर्व बल्लेबाज ने अपने चिठ्ठी में लिखा कि ‘मैं ये पत्र बहुत उम्मीद के साथ लिख रहा हूं. मैं प्रदेश में क्रिकेट को शुरू और प्रमोट करना चाहता हूं. इससे वंचित बच्चों को क्रिकेट में अपना भविष्य बनाने का एक अवसर मिलेगा.
रैना ने लिखा कि, ‘मैंने 15 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कड़ी मेहनत की है और इसलिए अब मैं अपनी जानकारी और इतने साल में सीखे गए हुनर को अगली पीढ़ी को देना चाहूंगा. उन्होंने आगे लिखा कि मेरा उद्देश्य गांव, स्कूल और कॉलेज से होनहार बच्चों की तलाश करना है. मैं इस मौके का इस्तेमाल ऐसे बच्चों पर करना चाहता हूं जो भविष्य में राष्ट्रीय टीम में अपना योगदान दे सकें.’
बता दें कि मध्यक्रम के बल्लेबाज और ऑलराउंडर सुरेश रैना ने महेन्द्र सिंह धौनी के साथ 15 अगस्त को अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी. रैना टीम इंडिया से लंबे समय से बाहर चल रहे थे. उन्होंने 17 जुलाई 2018 को इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए वनडे मैच के बाद से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला था. उन्होंने भारतीय टीम के लिए 18 टेस्ट मैचों में 26.48 के औसत से 768 रन रन बनाए जिसमें एक शतक और सात अर्धशतक शामिल हैं.