Survey Modi Government 2.0 : सरकार के किस फैसले से है ज्यादा नाराजगी, लॉकडाउन और कोरोना से जंग में कितनी सफल मोदी सरकार

संक्रमण के दौर में सरकार ने कई फैसले लिये हैं तो कई मोरचे पर कमियां भी सामने आयी है. देश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है लेकिन हालात ऐसे हैं कि जनता सरकार से कई तरह की उम्मीदें कर रही है.

By PankajKumar Pathak | May 29, 2021 9:26 AM
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देश में कोरोना संक्रमण का खतरा है. आर्थिक मोरचे पर भी तमात तरह की परेशानियां हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा साल साल 30 मई को पूरा हो रहा है.

संक्रमण के दौर में सरकार ने कई फैसले लिये हैं तो कई मोरचे पर कमियां भी सामने आयी है. देश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है लेकिन हालात ऐसे हैं कि जनता सरकार से कई तरह की उम्मीदें कर रही है.

एबीपी न्यूज के लिए सी- वोटर ने एक सर्वे किया है. इस सर्वे में जनता से कई सवाल पूछे हैं और उसका जवाब जानने की कोशिश की है. एबीपी न्यूज में चल रही रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में गांव और शहर दोनों को शामिल किया गया है.

देश में सबसे बड़ी परेशानी क्या है ?
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देश कोरोना संक्रमण के दौर में है. विकास की रफ्तार कम हो गयी तो आर्थिक मोरचे पर भी देश को नुकसान हो रहा है. सर्वे में लोग कोरोना संक्रमण को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखते हैं. 36 फीसदी लोगों को मानना है कि कोरोना सबसे बड़ी समस्या है इसके बाद बेरोजगारी, महंगाई, कृषि, भ्रष्टाचार सहित कई दूसरी समस्याओं का जिक्र किया गया है.

सरकार से क्या शिकायत है, मोदी के दूसरे कार्यकाल से सबसे बड़ी नाराजगी ?

देश में सबसे बड़ी समस्या के रूप में कोरोना संक्रमण को देखने वाले लोग सरकार के इस निपटने के तरीके से नाराज हैं. शहर और ग्रामीण के 40 फीसद लोगों ने यही कारण बताया है. दूसरे नंबर पर शहर के 20 फीसद लोग किसानों के लिए बनाये कानून से नाराज हैं जबकि गांव में कृषि कानून से नाराज हुए लोगों की संख्या 40 फीसद है. इसके बाद दिल्ली में हुए दंगे सहित अन्य कारण लोगों ने गिनाये हैं.

लॉकडाउन सही या गलत

इस सवाल पर शहर के 76 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि सरकार का यह फैसला सही था जबकि 65 फीसद ग्रामीण भी यही मानते हैं कि सरकार का फैसला ठीक है. इस बार देशव्यापी लॉकडाउन नहीं लगा इस फैसले पर भी सर्वे में 67 फीसदी लोग सरकार के साथ खड़ेहैं गांव के 52 फीसद लोगों ने माना है कि सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन ना लगाकर अच्छा फैसला लिया है.

दूसरी लहर में प्रधानमंत्री का प्रचार कितना सही ?

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश को ज्यादा नुकसान पहुंचाया संक्रमण गांवों तक पहुंचा. शहर के 58 फीसद लोगों को मानना है कि प्रधानमंत्री के प्रचार का फैसला ठीक नहीं था. ग्रामीण भी इसी तरह सहमति जताते हैं जिनकी संख्या 61% है.

इस दौर को कौन बेहतर संभाल रहा है  देश पीएम मोदी या राहुल गांधी बेहतर होते ?

कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों से सर्वे के माध्यम से जब पूछा गया कि कोरोना संकट कौन बेहतर संभालता? राहुल गांधी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. इस सवाल पर मोदी के साथ शहर के 66 फीसद लोग खड़े हुए जबकि गांव के 62 फीसदी . राहुल गांधी के साथ शहरी आंकड़े 20 फीसद थे जबकि गांव के 23 फीसद लोग राहुल गांधी को बेहतर मानते हैं जो इस संक्रमण को बेहतर तरीके से संभाल सकते थे.

किससे ज्यादा नाराज हैं
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अगर आप सरकार से नाराज हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह क्या है यह जानने के लिए लोगों से सवाल पूछा गया कि आप किससे सबसे ज्यादा नाराज? और चार ऑप्शन दिये गये स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार , केंद्र सरकार या कह नहीं सकते.

इसमें सबसे ज्यादा संख्या चुप्पी साधने वाले लोगों की है जिन्होंने कहा, कह नहीं सकते 54 फीसदी लोग. 24 फीसद लोगों ने केंद्र सरकार से नाराजागी जाहिक की है जबकि 17 फीसदी लोग राज्य और 5 फीसदी ही स्थानीय प्रशासन से नाराज हैं. सर्वे में और भी कई तरह के अहम सवाल किये गये जिसमें लोगों ने उम्मीद जतायी कि हालात जल्द सुधरेंगे और स्थिति में सुधार होगा.

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