Grahan 2020: साढ़े तीन घंटे लंबा होगा 21 जून वाला सूर्य ग्रहण, जानिए सूतक काल और खास बातें
Surya Grahan June 2020, Date and time, Sutak Timing, Grahan kitne baje padega : आने वाले रविवार यानी 21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनियाभर के विभिन्न हिस्सों से देखा जा सकेगा. भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाई देगा. विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं.
Surya Grahan June 2020, Date and time: 21 जून, रविवार के दिन सूर्य ग्रहण लगने वाला है. ये ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और दिन में 03 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. भारत में ये सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) दिखाई देगा. भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाई देगा. विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें (Altra violate Rays) आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं.
आने वाले रविवार यानी 21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2020) भारत समेत दुनियाभर के विभिन्न हिस्सों से देखा जा सकेगा. यह ग्रहण सुबह 10:31 बजे से दोपहर 02:04 बजे तक रहेगा. जबकि यह अपने चरम पर 12:18 PM बजे के करीब रहेगा. इसकी कुल समय-सीमा कुल 03 घंटे 33 मिनट रहने की संभावना है.
भारत में यह ग्रहण आंशिक रूप से (Partial solar Eclipse) नयी दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, कोलकाता, चंडीगढ़, बंगलौर, लखनऊ, चैन्नई जैसे कुछ प्रमुख शहरों में देखा जा सकता है. इसके अलावा यह नेपाल, यूऐई, पाकिस्तान, सऊदी अरब, एथोपिया और कोंगों जैसे देशों में भी दिखेगा.
ग्रहण होने के 12 घंटे पहले सूतक (Sutak Timing) लग जाता है. सूतक के समय को सामान्यता अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है. सूर्य ग्रहण के 12 घंटे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते है. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन नहीं किए जाते हैं. पर देश में ऐसे भी कई मंदिर हैं, जो ग्रहण के दौरान खुले रहते हैं, और उनमें पूजा अर्चना भी की जाती है.
आंध्र प्रदेश के कालहस्ती मंदिर के पट ग्रहण के दौरान खुले रहते हैं
देश में एक ऐसा मंदिर भी है जो ग्रहण के सूतक मे भी खुला रहता है. ये आंध्र प्रदेश का मशहूर कालहस्ती मंदिर है. जहां सूर्य ग्रहण के दौरान देश के सभी मंदिर 12 घंटों के लिए बंद हैं वहीं इकलौते इस मंदिर में राहू और केतू पूजा अर्चना की जाती है, इसलिए ग्रहण के दौरान भी ये मंदिर खुला रहता है.
यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है. इस मंदिर में राहु और केतु की पूजा के साथ-साथ कालसर्प की भी पूजा होती है. जिनके ज्योतिष में कोई दोष है वे यहां ग्रहण के दौरान आते हैं और राहु-केतु की पूजा के बाद भगवान शिव और देवी ज्ञानप्रसूनअंबा की भी पूजा करते हैं.
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी होती है सूर्यग्रहण
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवाम महाकालेश्वर मंदिर के पट गुरुवार को सूर्यग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं. इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने भगवान महाकाल का जाप किया जाता है. हालांकि, देश के ज्यादातर मंदिरों के पट इस दौरान बंद कर दिये जाते हैं.
दरअसल सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान वैष्णव मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं लेकिन शैव मंदिरों के पट खुले रहते हैं. इसी के चलते गुरुवार को सूर्यग्रहण से पहले देश के सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे, लेकिन महाकालेश्वर मंदिर के पट सूर्यग्रहण में भी खुले रहते हैं. ग्रहण के दौरान र्भग्रह में सभी पुजारियों ने बैठकर जाप किया और सूर्यग्रहण के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए भगवान महाकाल के प्रार्थना करते हैं.