मुंबई : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) ने अदाकारा रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक और मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध करते हुए बंबई उच्च न्यायालय से मंगलवार को कहा कि समाज को, खासकर युवाओं को कड़ा संदेश दिए जाने की आवश्यकता है जिससे कि वे नशीले पदार्थो का सेवन न करें.इन लोगों को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के दौरान सामने आए मादक पदार्थों से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया है.
एनसीबी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि वर्तमान कोविड-19 की स्थिति और देश की आतंरिक सुरक्षा के मद्देनजर अदालत से एक प्रतिरोध की आवश्यकता है, हमें अपने युवाओं के स्वास्थ्य की फिक्र करने की और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वे मादक पदार्थों का सेवन न करें.सिंह ने कहा, ‘‘यदि युवा लोग मादक पदार्थों का सेवन करेंगे तो देश की देखभाल कौन करेगा.यह मामला सभी के लिए एक संदेश होना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा आंतरिक और बाहरी संघर्ष की स्थिति…महामारी की स्थिति को देखते हुए…यह अन्य के लिए एक सबक होना चाहिए.सिंह न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ के समक्ष अपनी दलील दे रहे थे जो रिया, शौविक और सह-आरोपियों-सैम्यूल मिरांडा, दीपेश सावंत, मादक पदार्थों के कथित डीलर अब्दुल परिहार और जैद विलात्रा की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
जांच एजेंसी ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि रिया, शौविक और मामले में गिरफ्तार अन्य लोग एक सिंडिकेट का हिस्सा हैं जो मादक पदार्थ खरीदने, इसके सेवन और इस धंधे में वित्तीय मदद जैसे कार्यों में संलिप्त है.एनसीबी ने कहा कि रिया और शौविक ने मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दिया और वित्तीय मदद पहुंचाई.इसीलिए एजेंसी ने उनके खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) की कठोर धारा 27ए के तहत मामला दर्ज किया है.पिछली सुनवाई के दौरान रिया और उनके भाई ने इस मामले में धारा 27ए लगाने का विरोध किया था.
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उनके वकील सतीश मानशिंदे ने पिछले सप्ताह दलील दी थी कि इस मामले में यह धारा नहीं लगाई जा सकती क्योंकि रिया ने कभी-कभार ही मादक पदार्थ खरीदे, जिनका सेवन उनके ब्वॉयफ्रेंड दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने किया.मानशिंदे ने कहा था कि एनसीबी ने इस मामले में अब तक केवल 59 ग्राम मादक पदार्थ बरामद किए हैं.यह मात्रा इतनी नहीं है कि माना जा सके कि मादक पदार्थों का कारोबार चल रहा था.उच्च न्यायालय ने मामले में सभी दलीलें बंद करने के बाद जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
Posted By : Rajneesh Anand