सुष्मिता शुक्ला ने फेडरल रिजर्व बैंक की वाइस प्रेसिडेंट बन बढ़ाया देश का मान, जानें उनका सफर

फेडरल रिजर्व सिस्टम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने भारतीय मूल की 54 वर्षीय सुष्मिता शुक्ला को न्यूयॉर्क के फेडरल रिजर्व बैंक की वाइस प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर(सीओओ) नियुक्त किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2022 1:47 PM
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भारतीय महिलाओं ने न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. चाहे वो भारतीय मूल की महिला नंदिता बख्शी हों या भारत में रहने वाली अरुन्धति भट्टाचार्य, सभी ने विदेशी सरजमीं पर देश का मान और सम्मान बढ़ाया है. इस कड़ी में अब सुष्मिता शुक्ला का भी नाम जुड़ गया है, जिन्हें न्यूयॉर्क में फेडरल रिजर्व बैंक की पहली वाइस प्रेसिडेंट और सीओओ नियुक्त किया गया है. सुष्मिता उन महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गयी हैं, जो अपने हौसले और जुनून के बल पर विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाना चाहती हैं.

हाल ही में फेडरल रिजर्व सिस्टम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने भारतीय मूल की 54 वर्षीय सुष्मिता शुक्ला को न्यूयॉर्क के फेडरल रिजर्व बैंक की वाइस प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर(सीओओ) नियुक्त किया है. इस पद पर पहुंचने वाली वह भारतीय मूल की पहली महिला हैं. इतना ही नहीं, वह दुनिया के इस प्रतिष्ठित केंद्रीय बैंक की दूसरी नंबर की सबसे बड़ी अधिकारी बन गयी हैं.

संभवत: मार्च 2023 से वह अपना कार्यभार संभालेंगी. वैश्विक स्तर पर अपनी इस उपलब्धि से सुष्मिता ने देशवासियों को गौरवान्वित महसूस कराया है. सुष्मिता शुक्ला का जन्म साल 1968 में भारत में हुआ था. फिलहाल, वह अपनी दो बेटियों के साथ कनेक्टिकट में रहती हैं. बचपन से ही वह पढ़ाई में काफी होशियार रही हैं. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री की हासिल की.

इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए यूएसए का रूख किया, जहां न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में एमबीए इन फाइनेंस और मैनेजमेंट में दाखिला मिला. जनवरी 2002 से लेकर अप्रैल 2005 तक न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने फाइनेंस वेल्थ मैनेजमेंट की बारीकियों को सीखा.

जाइंटबियर इंक से की अपनी करियर की शुरुआत

इंजीनियरिंग करने के बाद सुष्मिता ने सबसे पहले अपनी करियर की शुरुआत मल्टीनेशनल कंपनी जाइंटबियर इंक से की. इस कंपनी में उन्होंने अप्रैल 2000 से लेकर दिसंबर 2000 तक अपनी सेवाएं दी. इसके बाद सुष्मिता ने जनवरी 2001 से लेकर मई 2003 तक मेरिल लिंच में काम किया. इस बीच इंवेस्टमेंट बैंकिंग के क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाने के लिए उन्होंने न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में एमबीए इन फाइनेंस और मैनेजमेंट में दाखिला ले लिया. इस बीच उन्होंने मेरिल लिंच छोड़कर लिबर्टी म्यूचुअल ज्वॉइन कर लिया, जहां उन्होंने जून 2003 से लेकर मई 2006 तक कई जिम्मेवार पदों पर काम किया.

द हार्टफोर्ड में बिताये दस साल

मेरिल लिंच और लिबर्टी म्यूचुअल में काम करने के साथ सुष्मिता द हार्टफोर्ड और हेल्थफर्स्ट जैसी नामचीन कंपनियों से भी लंबे समय तक जुड़ी रही हैं. हेल्थफर्स्ट में उन्होंने एक एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम का बकायदा नेतृत्व किया. वर्ष 2016 में उन्होंने हेल्थफर्स्ट में एंटरप्राइज बिजनेस सॉल्यूशंस के वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम किया. इसके बाद अगले ही साल 2017 में उन्हें एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन के तहत अंतरिम सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में भी काम करने का मौका मिला.

इससे पहले उन्होंने द हार्टफोर्ड में 10 साल बिताए, जहां उन्होंने कई भूमिकाएं निभायीं. अंतत: उन्होंने स्ट्रेटजिक प्रोग्राम्स, बिलिंग एंड ऑपरेशन शेयर्ड सर्विसेज में बतौर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में काम किया. अपनी काबिलियत के दम पर उन्होंने कंपनी के हित में कई अहम बदलावों और प्रोग्राम का नेतृत्व किया. उनकी ऑपरेशन्स और तकनीकी टीम को इस बात का अहसास हुआ कि इन बदलावों, डिजिटल पहल और ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी के चलते कंपनी को करोड़ों डॉलर की बचत हुई है. इस उल्लेखनीय कार्य के लिए कंपनी ने सुष्मिता और उनकी टीम को साल 2009 और 2013 में दो बार ‘चेयरमैन अवार्ड’ से नवाजा.

बैंकिंग में है 20 साल का अनुभव

सुष्मिता को  बैंकिंग व बीमा इंडस्ट्री के क्षेत्र में 20 साल का अनुभव है. उन्होंने इंश्योरेंस सेक्टर में कई लीडरशिप भूमिकाओं को निभाया है. साथ ही कई कंपनियों में बड़े बदलावों की कमान संभाली चुकी हैं. साल 2018 से वह  प्रॉपर्टी और कैजुअल्टी इंश्योरेंस कंपनी चुब के साथ जुड़ी हुई हैं. यह दुनिया की सबसे बड़ी  इंश्योरेंस कंपनी है. वह  यहां पर सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और सीओओ के पद पर कार्यरत हैं. इस पद पर रहते हुए वे करीब 51 देशों में इंटरनेशनल एक्सीडेंट एंड हेल्थ बिजनेस का नेतृत्व कर चुकी हैं.

जानें फेडरल रिजर्व बैंक के बारे में

जिस तरह भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है, उस तरह संयुक्त राज्य अमेरिका के केंद्रीय बैंक को फेडरल रिजर्व बैंक कहते है, इसे फैड भी कहते हैं. इसकी स्थापना फेडरल रिजर्व एक्ट के जरिये 23 दिसंबर, 1913 को वित्तीय संकटों से निपटने के लिए की गयी थी. यह अमेरिका की मौद्रिक नीतियों का निर्धारण, अमेरिकी बैंकों की निगरानी एवं नियंत्रण का काम करने के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता बनाये रखने एवं अमेरिकी कोषों, अमेरिका सरकार एवं विदेश स्थित अमेरिकी संस्थानों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करने का काम करता है. फेडरल रिजर्व सिस्टम से 12 बैंक जुड़े हैं. इसका मुख्यालय एक्ल्स बिल्डिंग वाशिंगटन डीसी में स्थित है.

इन जगहों पर निभा चुकी हैं लीडरशिप की भूमिका

कनेक्टिकट में रहने वालीं सुष्मिता दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनी चुब में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और सीओओ रह चुकी हैं.

हेल्थफर्स्ट में एक एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम का नेतृत्व किया, जहां 2016 में एंटरप्राइज बिजनेस सॉल्यूशंस की वाइस प्रेसिडेंट रहीं.

हेल्थफर्स्ट में ही 2017 में एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन के अंतरिम सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्य किया.

न्यूयॉर्क में लिबर्टी म्यूचुअल, मेरिल लिंच और जायंटबियर इंक जैसी ऐप सेवाओं में भी काम कर चुकी हैं.

मैं काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं. इस अहम संस्थान के समर्पित नेतृत्व को समर्थन देने और इसकी महत्वपूर्ण गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए मैं अपने पूरे अनुभव का उपयोग करूंगी.

– सुष्मिता शुक्ला, वाइस प्रेसिडेंट फेडरल रिजर्व बैंक

सुष्मिता काफी ऊर्जा से भरी, प्रेरणादायी और बहुत ही प्रभावशाली महिला हैं, जो बैंकिंग क्षेत्र में अपना लंबा अनुभव लेकर आ रही हैं. आइटी और इनोवेश पर इनकी अच्छी पकड़ है. संस्थान को इसका काफी लाभ मिलेगा.

– जॉन विलियम्स, प्रेसिडेंट, फेडरल रिजर्व बैंक

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